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उमरियाः लॉकडाउन के बीच किसानों पर बेमौसम बारिश-आंधी का कहर

लॉकडाउन के कारण किसान पहले ही परेशान हैं। रविवार को आई तेज बारिश और आंधी ने उनकी खड़ी और कटी फसलों को खराब कर दिया। अब उनकी अकेली उम्मीद सरकार की ओर से मिलने वाली मदद है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 28 Apr 2020, 3:38 pm

हाइलाइट्स

  • बेमौसम बारिश और आंधी से खेतों में लगी फसल हुई खराब
  • गेहूं की तैयार फसल को सबसे ज्यादा नुकसान
  • आदिवासियों के प्रिय खाद्य पदार्थ महुआ पर भी बुरा असर
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उमरिया।
जिले में रविवार दोपहर से पूरी रात बेमौसम आंधी, तूफान और बारिश ने किसानों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। खेतों में खड़ी और कटी फसलों का नुकसान होने से किसानों के लागत हासिल करना भी मुश्किल हो गया है। अधिकांश किसानों की फसल लॉकडाउन में मजदूर नहीं मिलने के कारण खेत में खड़ी थी जबकि कुछ की कटाई होने के बाद खलिहानों में थी। बेमौसम बारिश और आंधी ने हर तरह की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है।

गेहूं हुआ काला, आम के टिकोले गिर गए
सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं की खेती करने वाले किसानों का हुआ है। कटी और खड़ी गेंहूं की फसलों का रंग काला होने से उनकी मार्केट वैल्यू घट गई। वहीं आम, महुआ, और सब्जी की फसल को भी नुकसान हुआ है। तूफान के चलते पेड़ों में लगे आम के टिकोले झड़ गए। गरीब आदिवासियों का प्रिय खाद्य महुआ भी झड़ गया।

किसानों को सरकार से आस
लॉकडाउन के चलते पूरे देश में किसानों की हालत पहले ही खस्ता है। बाजार बंद होने से उनकी फसलों को खरीदार नहीं मिल रहे। रही-सही कसर बारिश और आंधी ने पूरी कर दी है। अब किसान सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उन्हें आस है कि बारिश से प्रभावित फसलों को भी उपार्जन में खरीदने की अनुमति दी जाएगी।

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