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फरेंसिक जांच में नहीं मिली ईवीएम में कोई गड़बड़ी

बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर फरेंसिक जांच के लिए भेजी गईं ईवीएम में छेड़छाड़ नहीं नहीं पाई गई है। कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में हैदराबाद स्थित सेंट्रल फरेंसिक साइंस लैबरेटरी ने ऐसी किसी संभावना से इनकार किया है।

पीटीआई 14 Jul 2017, 7:43 pm
मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

हाई कोर्ट के आदेश पर पहली बार फरेंसिक जांच के लिए भेजी गईं ईवीएम की जांच में किसी भी तरह की छेड़छाड़ की बात सामने नहीं आई है। कोर्ट ने यह पता लगाने को कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ मुमकिन है या नहीं। ऐसा पहली बार हुआ है कि ईवीएम को ऐसी किसी जांच के लिए भेजा गया हो।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मई में पुणे के पर्वती से ईवीएम जांच के लिए भेजने के आदेश दिए थे। 2014 में हुए महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों में छेड़छाड़ का पता लगाने के लिए अदालत ने यह आदेश दिया था। अदालत ने हैदराबाद स्थित सेंट्रल फरेंसिक साइंस लैबरेटरी को ईवीएम की जांच में लगया था। अदालत ने यह पता लगाने को कहा था कि क्या दूर से मशीनों को चलाया जा सकता है और क्या किसी चिप के जरिए चुनाव नतीजों को बदला जा सकता है। लैब को 1 कंट्रोल यूनिट, 1 बैलट यूनिट और 2 बैट्री भेजी गई थीं।

लैब की रिपोर्ट के मुताबिक एक ईवीएम किसी नेटवर्क से जुड़ी नहीं होती। इसमें केवल एक बार कोई भी प्रोग्राम डाला जा सकता है। यह किसी दूसरे कंप्यूटर से जुड़ी नहीं होती। इसलिए इसमें किसी भी तरह की छेड़खानी या बदलाव किए जाने की बात नहीं मिली है। हाई कोर्ट को सौंपने के बाद यह रिपोर्ट पब्लिक की गई।

उत्तर प्रदेश , पंजाब, गोवा, मिपुर और उत्तराखंड के विधान सभा चुनावों के नतीजे आने के बाद कई राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग की ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। ईवीएम को खत्म कर बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग भी की ज रही थी। आयोग ने राजनीतिक दलों को छेड़छाड़ के आरोप साबित करने की चुनौती भी दी थी लेकिन किसी भी दल ने उस चुनौती में भाग नहीं लिया था।

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