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Mohan Bhagwat: एक संगठन, एक पार्टी, एक नेता नहीं ला सकता बदलाव... RSS प्रमुख का बड़ा बयान

RSS Chief Mohan Bhagwat Statement: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि एक संगठन, एक पार्टी या एक नेता बदलाव नहीं ला सकता है। बदलाव के लिए आम लोगों को खड़ा होना पड़ता है।

Edited byराहुल पराशर | भाषा 10 Aug 2022, 6:06 am
नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि एक नेता अकेले देश के सामने मौजूद सभी चुनौतियों से नहीं निपट सकता है। कोई एक संगठन या पार्टी देश में बदलाव नहीं ला सकती। संघ की विचारधारा के आधार पर उन्होंने कहा कि एक नेता इस देश के सामने आने वाले सभी चुनौतियों का अकेले सामना नहीं कर सकता। वह अकेले ऐसा भी नहीं कर सकता, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो। मोहन भागवत मराठी साहित्य की संस्था विदर्भ साहित्य संघ के शताब्दी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
नवभारतटाइम्स.कॉम Mohan Bhagwat


संघ प्रमुख ने अपने विचारों को आरएसएस की विचारधारा का आधार बताया। उन्होंने कहा कि देश को तब आजादी मिली, जब आम जनता सड़कों पर उतरी। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि एक चीज जो संघ की विचारधारा का आधार है, वह यह है कि कोई एक नेता इस देश के समक्ष मौजूद सभी चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता है। वह ऐसा नहीं कर सकता। चाहे वह कितना भी बड़ा नेता हो। उन्होंने कहा कि एक संगठन, एक पार्टी, एक नेता बदलाव नहीं ला सकता।

मोहन भागवत ने कहा कि संगठन, पार्टी या नेता बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, बदलाव तब आता है, जब आम लोग उसके लिए खड़े होते हैं। भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम वर्ष 1857 में शुरू हुआ, लेकिन यह तभी सफल हुआ जब बड़े पैमाने में जागरूकता आई। आम लोग सड़कों पर उतरें। भागवत ने कहा कि क्रांतिकारियों ने भी स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया और सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी की, लेकिन मुख्य बात यह थी कि इससे लोगों को साहस मिला।

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान हर कोई जेल नहीं गया। कुछ लोग इससे दूर रहे। लेकिन, हर किसी के मन ये भावना जरूर थी कि देश को अब आजाद होना चाहिए। भागवत ने कहा कि नेता समाज नहीं बनाते हैं, बल्कि समाज नेता बनाता है। आरएसएस चाहता है कि हिंदू समाज अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हो जाए। सब कुछ समाज में बदलाव से होता है और आरएसएस समाज को संगठित कर रहा है।
लेखक के बारे में
राहुल पराशर
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर। पत्रकारिता में प्रभात खबर से शुरुआत। राष्ट्रीय सहारा, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक का सफर। डिजिटल जर्नलिज्म को जानने और सीखने की कोशिश। नित नए प्रयोग करने का प्रयास। मुजफ्फरपुर से निकलकर रांची, पटना, जमशेदपुर होते हुए लखनऊ तक का सफर।... और पढ़ें

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