कोल्हापुर
शिरोली के दारूल उलूम मदरसे ने अपने दरवाजे इलाके के बाढ़ पीड़ितों के लिए खोल दिए हैं। मदरसे के डॉक्टरों ने बताया कि यहां आसपास के गांवों के लोगों के लिए राहत और जरूरी मदद मिलती है। मुसीबत के वक्त में सभी धर्मों के लोगों को बराबर सहायता देने की मदरसे की कोशिश की सराहना पूरे इलाके में हो रही है। मदरसे के एक डॉक्टर इम्तियाज ने बताया कि करीब 5-6 डॉक्टरों की एक टीम है। ये सभी लोग चार घटों की ड्यूटी करते हैं। शिरोली के ऐसे लोग जिनके घरों में पानी भर गया है, मदरसे में शरण ले रहे हैं। डॉ. इम्तियाज ने बताया कि जितना हो सक रहा है मुस्लिमों और गैर-मुस्लिमों, दोनों की सहायता की जा रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित लोगों को मदरसा ट्रस्ट की ओर से हर सहायता दी जा रही है।
करीब 900 लोग रुके हैं
मदरसे ने 5 अगस्त को मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ आने पर अपने दरवाजे खोल दिए थे। मदरसे में रहने वाले एक शख्स ने इसके सदस्यों को उनके समर्पण के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने बताया, 'मैं अपने चार दोस्तों के साथ पुणे गया था। जब हम वापस आए तो इलाके में पानी भरा हुआ था। हम यहां-वहां घूमने लगे। मेरे मुस्लिम दोस्त मुझे यहां लेकर आए। आसपास के गांवों के करीब 900 लोग यहां हैं।'
'सरकार नहीं, मुस्लिम भाइयों ने की मदद'
उन्होंने बताया कि यहां रुके हुए लोगों के नाश्ते और दूसरी जरूरतों का ध्यान भी रखा जा रहा है। उन्होंने बताया, 'सरकार से कोई मदद नहीं मिली लेकिन मुस्लिम भाइयों ने बहुत मदद की।' बता दें कि कोल्हापुर जिले से एनडीआरएफ ने शुक्रवार को 2000 लोगों को सुरक्षित निकाला था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को सांगली और कोल्हापुर का दौरा किया था।
शिरोली के दारूल उलूम मदरसे ने अपने दरवाजे इलाके के बाढ़ पीड़ितों के लिए खोल दिए हैं। मदरसे के डॉक्टरों ने बताया कि यहां आसपास के गांवों के लोगों के लिए राहत और जरूरी मदद मिलती है। मुसीबत के वक्त में सभी धर्मों के लोगों को बराबर सहायता देने की मदरसे की कोशिश की सराहना पूरे इलाके में हो रही है।
करीब 900 लोग रुके हैं
मदरसे ने 5 अगस्त को मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ आने पर अपने दरवाजे खोल दिए थे। मदरसे में रहने वाले एक शख्स ने इसके सदस्यों को उनके समर्पण के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने बताया, 'मैं अपने चार दोस्तों के साथ पुणे गया था। जब हम वापस आए तो इलाके में पानी भरा हुआ था। हम यहां-वहां घूमने लगे। मेरे मुस्लिम दोस्त मुझे यहां लेकर आए। आसपास के गांवों के करीब 900 लोग यहां हैं।'
'सरकार नहीं, मुस्लिम भाइयों ने की मदद'
उन्होंने बताया कि यहां रुके हुए लोगों के नाश्ते और दूसरी जरूरतों का ध्यान भी रखा जा रहा है। उन्होंने बताया, 'सरकार से कोई मदद नहीं मिली लेकिन मुस्लिम भाइयों ने बहुत मदद की।' बता दें कि कोल्हापुर जिले से एनडीआरएफ ने शुक्रवार को 2000 लोगों को सुरक्षित निकाला था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को सांगली और कोल्हापुर का दौरा किया था।