यवतमाल
एक समय सांप्रदायिक हिंसा का दंश झेल चुका महाराष्ट्र के यवतमाल जिले का एक गांव एक ही छत के नीचे गणेश पंडाल और ताजिया रखकर सौहार्द तथा भाईचारे की नई मिसाल पेश कर रहा है। उमरखेड़ तहसील के बिदुल गांव में हिंदू और मुसलमान दोनों साथ-साथ अपनी पूजा कर रहे हैं और नमाज पढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में हिंदुओं के गणेशोत्सव और मुसलमानों के रमजान, ईद तथा मुहर्रम के दौरान अकसर हिंसा हो जाती थी।
इस साल जिले के पुलिस अधीक्षक मेघनाथन राजकुमार ने दोनों समुदायों को साथ लाने का प्रयास किया है। इस साल गणेशोत्सव और मुहर्रम साथ-साथ आए हैं। ऐसे में राजकुमार ने उमरखेड थाने के प्रभारी हनुमंत गायकवाड से कहा कि वह आठ सितंबर को ग्राम पंचायत में सभी ग्रामीणों की बैठक बुलाएं। उसी बैठक में पुलिस ने सभी से दोनों त्योहारों को साथ मनाने की सलाह दी।
गणेशोत्सव और मुहर्रम एक साथ
इस बार गांव के सभी लोगों ने एकमत से इसे स्वीकार किया और गांव के नलसाहेब देवस्थान मंदिर में गणेश और ताजिया पंडाल साथ-साथ बनाए। मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन जयराम धागे ने बताया कि पिछले 134 सालों से गणेशोत्सव इसी मंदिर परिसर में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई बार गणेशोत्सव और मुहर्रम साथ-साथ आ जाते हैं। अब हमने फैसला किया है कि जब भी दोनों त्योहार एक साथ आएंगे, हम उन्हें उत्साह के साथ मनाएंगे।’
वहीं, पुलिस ने भी दोनों समुदायों के बीच किसी भी टकराव से बचने के लिए मूर्ति विसर्जन और मुहर्रम के दौरान ताजिया निकालने के लिए अलग-अलग समय तय किया है। बता दें कि साल 2008 के अप्रैल महीने में यवतमाल में हुए एक सांप्रदायिक संघर्ष में दो लोगों की मौत हो गई थी। नवंबर 2006 में भी जिले में व्यापक दंगा हुआ था और कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा था।
एक समय सांप्रदायिक हिंसा का दंश झेल चुका महाराष्ट्र के यवतमाल जिले का एक गांव एक ही छत के नीचे गणेश पंडाल और ताजिया रखकर सौहार्द तथा भाईचारे की नई मिसाल पेश कर रहा है। उमरखेड़ तहसील के बिदुल गांव में हिंदू और मुसलमान दोनों साथ-साथ अपनी पूजा कर रहे हैं और नमाज पढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में हिंदुओं के गणेशोत्सव और मुसलमानों के रमजान, ईद तथा मुहर्रम के दौरान अकसर हिंसा हो जाती थी।
इस साल जिले के पुलिस अधीक्षक मेघनाथन राजकुमार ने दोनों समुदायों को साथ लाने का प्रयास किया है। इस साल गणेशोत्सव और मुहर्रम साथ-साथ आए हैं। ऐसे में राजकुमार ने उमरखेड थाने के प्रभारी हनुमंत गायकवाड से कहा कि वह आठ सितंबर को ग्राम पंचायत में सभी ग्रामीणों की बैठक बुलाएं। उसी बैठक में पुलिस ने सभी से दोनों त्योहारों को साथ मनाने की सलाह दी।
गणेशोत्सव और मुहर्रम एक साथ
इस बार गांव के सभी लोगों ने एकमत से इसे स्वीकार किया और गांव के नलसाहेब देवस्थान मंदिर में गणेश और ताजिया पंडाल साथ-साथ बनाए। मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन जयराम धागे ने बताया कि पिछले 134 सालों से गणेशोत्सव इसी मंदिर परिसर में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई बार गणेशोत्सव और मुहर्रम साथ-साथ आ जाते हैं। अब हमने फैसला किया है कि जब भी दोनों त्योहार एक साथ आएंगे, हम उन्हें उत्साह के साथ मनाएंगे।’
वहीं, पुलिस ने भी दोनों समुदायों के बीच किसी भी टकराव से बचने के लिए मूर्ति विसर्जन और मुहर्रम के दौरान ताजिया निकालने के लिए अलग-अलग समय तय किया है। बता दें कि साल 2008 के अप्रैल महीने में यवतमाल में हुए एक सांप्रदायिक संघर्ष में दो लोगों की मौत हो गई थी। नवंबर 2006 में भी जिले में व्यापक दंगा हुआ था और कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा था।