ठाणे
महाराष्ट्र के ठाणे में रहने वाले एक टीचर को कॉल आया। वह यह सुनकर दंग रह गए कि उनकी मौत कोरोना से अप्रैल में ही हो चुकी है। यह कॉल नगर निगम के जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट से था। टीचर हैरान थे कि उन्हें बीते साल कोरोना हुआ था और वह अगस्त 2020 में पूरी तरह से ठीक हो गए थे, फिर उनका नाम मरने वालों की लिस्ट में कैसे आ गया? ठाणे नगर निगम (टीएमसी) की ओर से शवों की अदला-बदली से लेकर एक निवासी को तीन बार वैक्सीनेशन लगाने की गलती हो चुकी है। अब इस तरह की एक और गलती सामने आई है।
माफी मांगकर काटी कॉल
बुधवार को शिक्षक चंद्रशेखर देसाई (55) और नगर निगम के एक कर्मचारी के बीच फोन पर हुई बातचीत का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गया। एक मिनट की कॉल के दौरान, कर्मचारी को देसाई से उसके विवरण के बारे में पूछते हुए सुना जाता सकता है। वह देसाई को सूचित कर रहा है कि वह मर चुका है। देसाई ने विभाग की इस चूक पर सवाल उठाया तो फोन करने वाले ने तुरंत माफी मांगी और कॉल काट दी।
नगर महापालिका पहुंचे चंद्रशेखर
इस कॉल के तुरंत बाद चंद्रशेकर टीएमसी मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने मृतक मरीजों की सूची में अपना नाम देखा। उन्होंने बताया, 'मुझे रेकॉर्ड की तस्वीर क्लिक करने की अनुमति नहीं थी। मुझे बताया गया था कि विभाग की ओर से कुछ त्रुटि हो सकती है।'
मौतों के आंकड़े क्रॉस चेक कर रही थी टीम
हालांकि, टीएमसी के अधिकारियों ने बुधवार को टीओआई को बताया कि उसके अधिकारी प्रोटोकॉल के अनुसार राज्य एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) सेल की ओर से भेजे गए 16 मौत के मामलों के डेटा को केवल क्रॉस-चेक कर रहे थे। मृत्यु से संबंधित डेटा को स्थानीय स्तर पर सत्यापित किया जाता है और राज्य को वापस भेज दिया जाता है। उसके बाद यह डाटा राष्ट्रीय डेटाबेस पर अपलोड होता है।
नगर निगम ने दी सफाई
टीएमसी के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वैजयंती देवघेकर ने कहा कि निगम की गलती नहीं है क्योंकि हम केवल प्रतिदिन हमें भेजे गए मृतकों के नामों का सत्यापन करते हैं। यह पहली घटना है जो ठाणे में सामने आई है। हमें लगता है कि कहीं न कहीं कुछ त्रुटि हो सकती है। हमने राज्य को इस बारे में सतर्क कर दिया है।
महाराष्ट्र के ठाणे में रहने वाले एक टीचर को कॉल आया। वह यह सुनकर दंग रह गए कि उनकी मौत कोरोना से अप्रैल में ही हो चुकी है। यह कॉल नगर निगम के जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट से था। टीचर हैरान थे कि उन्हें बीते साल कोरोना हुआ था और वह अगस्त 2020 में पूरी तरह से ठीक हो गए थे, फिर उनका नाम मरने वालों की लिस्ट में कैसे आ गया?
माफी मांगकर काटी कॉल
बुधवार को शिक्षक चंद्रशेखर देसाई (55) और नगर निगम के एक कर्मचारी के बीच फोन पर हुई बातचीत का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गया। एक मिनट की कॉल के दौरान, कर्मचारी को देसाई से उसके विवरण के बारे में पूछते हुए सुना जाता सकता है। वह देसाई को सूचित कर रहा है कि वह मर चुका है। देसाई ने विभाग की इस चूक पर सवाल उठाया तो फोन करने वाले ने तुरंत माफी मांगी और कॉल काट दी।
नगर महापालिका पहुंचे चंद्रशेखर
इस कॉल के तुरंत बाद चंद्रशेकर टीएमसी मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने मृतक मरीजों की सूची में अपना नाम देखा। उन्होंने बताया, 'मुझे रेकॉर्ड की तस्वीर क्लिक करने की अनुमति नहीं थी। मुझे बताया गया था कि विभाग की ओर से कुछ त्रुटि हो सकती है।'
मौतों के आंकड़े क्रॉस चेक कर रही थी टीम
हालांकि, टीएमसी के अधिकारियों ने बुधवार को टीओआई को बताया कि उसके अधिकारी प्रोटोकॉल के अनुसार राज्य एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) सेल की ओर से भेजे गए 16 मौत के मामलों के डेटा को केवल क्रॉस-चेक कर रहे थे। मृत्यु से संबंधित डेटा को स्थानीय स्तर पर सत्यापित किया जाता है और राज्य को वापस भेज दिया जाता है। उसके बाद यह डाटा राष्ट्रीय डेटाबेस पर अपलोड होता है।
नगर निगम ने दी सफाई
टीएमसी के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वैजयंती देवघेकर ने कहा कि निगम की गलती नहीं है क्योंकि हम केवल प्रतिदिन हमें भेजे गए मृतकों के नामों का सत्यापन करते हैं। यह पहली घटना है जो ठाणे में सामने आई है। हमें लगता है कि कहीं न कहीं कुछ त्रुटि हो सकती है। हमने राज्य को इस बारे में सतर्क कर दिया है।