जोरहाट
असम के जोरहाट में चाय बागान में काम करने वाले मजदूरों के घातक हमले में डॉक्टर की मौत का मामला गरमा गया है। कंपनी ने जहां अनिश्चित तालाबंदी की घोषणा कर दी है, वहीं आईएमए ने भी मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। असोसिएशन ने 3 सितंबर को प्रदेश भर में 24 घंटे के लिए मेडिकल सेवाएं बंद रखने की घोषणा की है। इस दौरान केवल इमरजेंसी मामले देखे जाएंगे। इधर, डॉक्टर की पीटकर हत्या मामले में 21 श्रमिकों को अरेस्ट किया है। डॉक्टर और अधिकारी पर किया था हमला
गौरतलब है कि रविवार को कथित तौर पर डॉक्टर की गैर-मौजूदगी की वजह एक बीमार मजदूर की मौत हो गई थी। जिसके बाद आक्रोशित मरीज के परिजन और अन्य बागान श्रमिकों ने डॉक्टर की पीटकर हत्या कर दी थी। मजदूरों ने डॉक्टर के अलावा एक अन्य अधिकारी पर भी हमला किया था। अधिकारी अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद जोरहाट में डॉक्टरों मे कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया और सुरक्षा की मांग की।
कंपनी में तालाबंदी
मामले में चाय कंपनी ने मजदूरों का वेतन जांच के पूरा होने तक रोक दिया है। वहीं रविवार को चाय बागान चलाने वाली कंपनी ने अनिश्चित तालाबंदी की घोषणा की है। मामले में पुलिस ने 21 श्रमिकों को गिरफ्तार किया है। साथ ही सुरक्षा के मद्देनगर बागान में सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। असम के इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने घटना की निंदा की है और 3 सितंबर को 24 घंटे के लिए सभी मेडिकल सेवाओं से हड़ताल का ऐलान किया है।
डॉक्टर की गैर-मौजूदगी से नाराज
खबर के अनुसार, शनिवार को बागान में काम करने वाले कर्मचारी समरा माझी की तबीयत अचानक खराब हो गई। पेट में तेज दर्द होने के बाद उसे बागान के एक अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल में तैनात डॉ. देबेन दत्ता उस वक्त वहां मौजूद नहीं थे। जब तक दत्ता अस्पताल पहुंचे तब तक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल के बाहर काफी संख्या में बागान मजदूर इकट्ठा हो गए और डॉ. दत्ता तथा बागान के वेलफेयर अधिकारी जिबॉन कुर्मी के साथ मारपीट करने लगे।
मैजिस्ट्रियल जांच के आदेश
गंभीर रूप से घायल होने के बाद डॉक्टर और कुर्मी दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दत्ता की मौत हो गई। कुर्मी की हालत भी सीरियस बताई जा रही है। जोरहाट की डेप्युटी कमिश्नर रोशनी अपरांजी ने मामले की मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। चाय बागान के सिनियर मैनेजर मनुज गोगोई ने बताया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक के लिए मजदूरों का वेतन रोक दिया गया है। वहीं, घटना के बाद श्रमिकों से टकराव की आशंका के चलते बागान के कई अधिकारियों ने अपना बंगला खाली कर दिया है।
असम के जोरहाट में चाय बागान में काम करने वाले मजदूरों के घातक हमले में डॉक्टर की मौत का मामला गरमा गया है। कंपनी ने जहां अनिश्चित तालाबंदी की घोषणा कर दी है, वहीं आईएमए ने भी मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। असोसिएशन ने 3 सितंबर को प्रदेश भर में 24 घंटे के लिए मेडिकल सेवाएं बंद रखने की घोषणा की है। इस दौरान केवल इमरजेंसी मामले देखे जाएंगे। इधर, डॉक्टर की पीटकर हत्या मामले में 21 श्रमिकों को अरेस्ट किया है।
गौरतलब है कि रविवार को कथित तौर पर डॉक्टर की गैर-मौजूदगी की वजह एक बीमार मजदूर की मौत हो गई थी। जिसके बाद आक्रोशित मरीज के परिजन और अन्य बागान श्रमिकों ने डॉक्टर की पीटकर हत्या कर दी थी। मजदूरों ने डॉक्टर के अलावा एक अन्य अधिकारी पर भी हमला किया था। अधिकारी अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद जोरहाट में डॉक्टरों मे कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया और सुरक्षा की मांग की।
कंपनी में तालाबंदी
मामले में चाय कंपनी ने मजदूरों का वेतन जांच के पूरा होने तक रोक दिया है। वहीं रविवार को चाय बागान चलाने वाली कंपनी ने अनिश्चित तालाबंदी की घोषणा की है। मामले में पुलिस ने 21 श्रमिकों को गिरफ्तार किया है। साथ ही सुरक्षा के मद्देनगर बागान में सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। असम के इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने घटना की निंदा की है और 3 सितंबर को 24 घंटे के लिए सभी मेडिकल सेवाओं से हड़ताल का ऐलान किया है।
डॉक्टर की गैर-मौजूदगी से नाराज
खबर के अनुसार, शनिवार को बागान में काम करने वाले कर्मचारी समरा माझी की तबीयत अचानक खराब हो गई। पेट में तेज दर्द होने के बाद उसे बागान के एक अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल में तैनात डॉ. देबेन दत्ता उस वक्त वहां मौजूद नहीं थे। जब तक दत्ता अस्पताल पहुंचे तब तक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल के बाहर काफी संख्या में बागान मजदूर इकट्ठा हो गए और डॉ. दत्ता तथा बागान के वेलफेयर अधिकारी जिबॉन कुर्मी के साथ मारपीट करने लगे।
मैजिस्ट्रियल जांच के आदेश
गंभीर रूप से घायल होने के बाद डॉक्टर और कुर्मी दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दत्ता की मौत हो गई। कुर्मी की हालत भी सीरियस बताई जा रही है। जोरहाट की डेप्युटी कमिश्नर रोशनी अपरांजी ने मामले की मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। चाय बागान के सिनियर मैनेजर मनुज गोगोई ने बताया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक के लिए मजदूरों का वेतन रोक दिया गया है। वहीं, घटना के बाद श्रमिकों से टकराव की आशंका के चलते बागान के कई अधिकारियों ने अपना बंगला खाली कर दिया है।