हुबली
हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल के मरीज से व्हीलचेयर के लिए रिश्वत मांगने का मामला सामने आने के बाद अब कर्नाटक के हुबली का एक अस्पताल मरीज के साथ लापरवाही बरतने को लेकर चर्चा में है। कर्नाटक के हुबली के एक अस्पताल में 4 गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए उन्हें एक ही स्ट्रेचर पर बिठा कर एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया गया। बताया जा रहा है कि वहां की नर्स एक ही बार में सभी महिलाओं को ले जाना चाहती थीं।
मामला हुबली के केईएमएस अस्पताल का है। इससे संबंधित विडियो वायरल हुआ है जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे अस्पताल के स्टाफ एक ही स्ट्रेचर पर चार गर्भवती महिलाओं को बिठाकर ले जा रहे हैं। विडियो पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य महिला आयोग ने अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी किया। इसके बाद प्रशासन ने 3 नर्स को सस्पेंड कर दिया।
मामला सामने आने के बाद से अस्पतालों में निगरानी बढ़ाने की मांग की जा रही है ताकि इस तरह की घटनाओं पर विराम लगाया जा सके। उल्लेखनीय है कि हैदराबाद के सरकारी अस्पताल में 44 साल के एक घायल शख्स को वीलचेयर न मिलने पर अपने बच्चे की खिलौना साइकल का इस्तेमाल करने पर मजबूर होना पड़ा। एस. राजू को गांधी अस्पताल में वीलचेयर सिर्फ इसलिए नहीं मिला क्योंकि वार्ड बॉय कथित तौर पर इसके लिए 150 रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था। राजू के पास रिश्वत देने के पैसे नहीं थे इसलिए वह अपने बेटे की खिलौना साइकल के जरिए अस्पताल में इलाज के लिए इधर से उधर चक्कर लगाता रहा।
हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल के मरीज से व्हीलचेयर के लिए रिश्वत मांगने का मामला सामने आने के बाद अब कर्नाटक के हुबली का एक अस्पताल मरीज के साथ लापरवाही बरतने को लेकर चर्चा में है। कर्नाटक के हुबली के एक अस्पताल में 4 गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए उन्हें एक ही स्ट्रेचर पर बिठा कर एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया गया। बताया जा रहा है कि वहां की नर्स एक ही बार में सभी महिलाओं को ले जाना चाहती थीं।
मामला हुबली के केईएमएस अस्पताल का है। इससे संबंधित विडियो वायरल हुआ है जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे अस्पताल के स्टाफ एक ही स्ट्रेचर पर चार गर्भवती महिलाओं को बिठाकर ले जा रहे हैं। विडियो पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य महिला आयोग ने अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी किया। इसके बाद प्रशासन ने 3 नर्स को सस्पेंड कर दिया।
मामला सामने आने के बाद से अस्पतालों में निगरानी बढ़ाने की मांग की जा रही है ताकि इस तरह की घटनाओं पर विराम लगाया जा सके। उल्लेखनीय है कि हैदराबाद के सरकारी अस्पताल में 44 साल के एक घायल शख्स को वीलचेयर न मिलने पर अपने बच्चे की खिलौना साइकल का इस्तेमाल करने पर मजबूर होना पड़ा। एस. राजू को गांधी अस्पताल में वीलचेयर सिर्फ इसलिए नहीं मिला क्योंकि वार्ड बॉय कथित तौर पर इसके लिए 150 रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था। राजू के पास रिश्वत देने के पैसे नहीं थे इसलिए वह अपने बेटे की खिलौना साइकल के जरिए अस्पताल में इलाज के लिए इधर से उधर चक्कर लगाता रहा।