केरल के मुख्य सचिव वीपी जॉय और उनके स्टॉफ अधिकारी उमेश एनएसके भाजपा शासित गुजरात राज्य का 27 अप्रैल से 29 अप्रैल तक दौरा करेंगे। दोनों अधिकारी गुजरात के मुख्यमंत्री की ‘डैशबोर्ड प्रणाली’ पर दी जाने वाली प्रस्तुति में शामिल होंगे। इस डैशबोर्ड प्रणाली को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है।
राज्य के शीर्ष अधिकारियों को गुजरात भेजने के फैसले को लेकर कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने सरकार की आलोचना की है। हालांकि, भाजपा ने इस फैसले का स्वागत किया है।
कांग्रेस प्रमुख के सुधाकरन ने माकपा से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या वह राज्य में गुजरात में लागू मॉडल को लाने का प्रयास कर रही है। सुधाकरन ने आरोप लगाया है कि गुजरात में केरल के अधिकारियों की यात्रा को भाजपा और माकपा में प्रशासन के स्तर पर संबंधों के प्रसार के रूप में देखा जाना चाहिये।
सुधाकरन ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बीच व्यक्तिगत संबंध ने मुख्यमंत्री को गुजरात मॉडल के अध्ययन के लिए एक दल भेजने के लिए प्रेरित किया।
उन्होने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और माकपा के बीच समझ अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुकी है। एक बयान में उन्होंने विजयन से अपील की कि वह ’नाकाम केरल मॉडल’ को छोड़कर सफलतम गुजरात मॉडल लागू करें।
राज्य भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्रन ने कहा कि मुख्यमंत्री विजयन ने मुख्य सचिव को ‘डैशबोर्ड प्रणाली’ का अध्ययन करने के लिए तब भेजा, जब उन्हें यह एहसास हुआ कि गुजरात मॉडल एक सही मॉडल है।
माकपा से वर्ष 2009 में निष्कासित और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी ने कहा कि विजयन की सरकार को अधिकारियों का एक दल उत्तर प्रदेश में भी भेजना चाहिये, ताकि वह इस बात का अध्ययन कर सकें कि सरकारी परिवहन बसों का संचालन कैसे किया जाता है।