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Kerala Women in Afganistan jail: अफगानिस्तान की जेल में बच्चे के साथ बंद है भारत की महिला, मां ने पीएम मोदी से लगाई भारत वापस लाने की गुहार

एक हमले में आतंकी पति की हत्या के बाद निमिषा उर्फ फातिमा ने आत्मसमर्पण कर दिया था और तब से बच्चे के साथ उसे भी काबुल की जेल में रखा गया है। वहीं सुदूर केरल में मौजूद में निमिषा की मां ने अपनी बेटी को वापस लाने के लिए मोदी सरकार से गुहार लगाई है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 15 Jun 2021, 1:57 pm

हाइलाइट्स

  • ISIS आतंकी की पत्नी केरल निवासी महिला और उसका बच्चा अफगानिस्तान की जेल में बंद
  • केरल में मौजूद में निमिषा की मां ने अपनी बेटी को वापस लाने के लिए सरकार से गुहार लगाई
  • केंद्र सरकार आईएस आतंकियों की भारतीय मूल की विधवाओं को भारत लाने की इच्छुक नहीं है

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तिरुवनंतपुरम
आईएसआईएस आतंकी की पत्नी केरल निवासी एक महिला और उसका बच्चा अफगानिस्तान की जेल में बंद है। एक हमले में आतंकी पति की हत्या के बाद निमिषा उर्फ फातिमा ने आत्मसमर्पण कर दिया था और तब से बच्चे के साथ उसे भी काबुल की जेल में रखा गया है। वहीं सुदूर केरल में मौजूद में निमिषा की मां ने अपनी बेटी को वापस लाने के लिए मोदी सरकार से गुहार लगाई है। दरअसल केंद्र सरकार आईएस आतंकियों की भारतीय मूल की विधवाओं को भारत लाने की इच्छुक नहीं है।
निमिषा की मां बिंदु संपत ने एक वीडियो जारी कर कहा, 'मैं मानती हूं कि मेरी बेटी का ब्रेनवॉश किया गया और उसे अफगानिस्तान ले गया। वह इस्लामिक विचारधारा में यकीन करती थी। जो शख्स उसे अफगानिस्तान ले गया था वह मारा गया है। मैं अपनी बेटी को जिंदा देखना चाहती हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट से अपील करती हूं कि मुझे मेरी बेटी को जिंदा देखने का मौका मिले।'


'सुना है पीएम मोदी बहुत दयालु हैं'
निमिशा उर्फ फातिमा की मां को उम्मीद है कि मोदी सरकार उनकी बेटी को माफ कर देगी और उसे वापस भारत लाएगी। फातिमा की मां बिंदू संपत ने कहा, ‘मैंने सुना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत दयालु इंसान हैं। मुझे उन पर पूरा भरोसा है।’ वह मीडिया में उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रही थीं, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार उनकी बेटी और तीन अन्य आईएस आतंकियों की भारतीय मूल की विधवाओं को भारत लाने की इच्छुक नहीं है।

कानूनी विकल्प का सहारा लेंगी निमिषा की मां
ये सभी अभी काबुल की जेल में बंद हैं। संपत ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है और सरकार का इस मामले में इच्छा न दिखाना केंद्र का एक विचार हो सकता है, लेकिन उन्हें लगता है कि सरकार के भीतर अन्य विचार भी हो सकते हैं और वह उस सहारे की तरफ देख रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भगवान में विश्वास है और वही उनकी बेटी की वापसी के लिए कुछ न कुछ परिस्थितियां बनाएंगे।

संपत ने कहा कि वह पीएम मोदी से मिलकर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपना चाहती हैं लेकिन इसमें कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी बेटी की वापसी के लिए सरकार से मदद मांगने के सारे प्रयास विफल हो जाएंगे तो वह कानूनी रास्ते का सहारा लेंगी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कुछ वकीलों से मुलाकात की है और उन्होंने कहा है कि कानूनी विकल्प है।

क्या है पूरा मामला?
निमिशा संपत इस्लाम स्वीकार करने से पहले हिंदू थी और बाद में अपना नाम बदलकर फातिमा कर लिया। उन्होंने इस्लामिक स्टेट के केरल के कथित सदस्य से शादी की और दोनों बाकी 19 लोगों के साथ जून, 2016 में फरार हो गए और अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के नियंत्रण वाले हिस्से में पहुंच गए। फातिमा ने वहीं बच्चे को जन्म भी दिया है।

संपत ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी के अफगानिस्तान की जेल में होने की जानकारी करीब डेढ़ साल पहले मिली थी लेकिन अब तक वापसी को लेकर कुछ हो नहीं पाया। संपत ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को इसके लिए ई-मेल भी किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। पिछले साल 15 मार्च को दिल्ली की एक वेबसाइट ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें फातिमा और केरल की तीन अन्य महिलाओं -रफीला, सोनिया सेबास्टियन और मेरिन जैकब ने भारत वापसी की इच्छा जताई थी।

समाचार एजेंसी भाषा से मिले इनपुट के साथ

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