शिलांग, 13 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की तीन सदस्यीय समिति ने मंगलवार को कहा कि उसने मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में ताजा निकाला गया कोयला पाया है जबकि अधिकरण ने खनन और माल लाने ले जाने पर पाबंदी लगा रखी है। एनजीटी ने 2014 में पर्यावरण पर कोयले के प्रतिकूल प्रभाव और खदानकर्मियों के लिए सुरक्षा उपायों के अभाव में कोयले के खनन और इसे लाने ले जाने पर पूर्णत: पाबंदी लगाई थी। समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेनि) बी पी कातके ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हम खलेइहरियत क्षेत्र गये जिसके बारे में एनजीटी के सामने आरोप लगे थे कि 2014 में खनन पर पाबंदी के बावजूद इस क्षेत्र में अवैध क्रियाकलाप अब भी जारी हैं।’’ कातके और समिति के दो अन्य सदस्यों ने सुतनगा और खलिइहरियत का दौरा किया जहां आरटीआई कार्यकर्ता एवं पर्यावरण कार्यकर्ता एग्नेस खारशिंग और उनके सहयोगी पर आठ नवंबर को कोयला खनन माफियाओं ने हमला कर दिया था। खारशिंग यहां एक अस्पताल में मौत से जूझ रही हैं। समिति को कुछ खदानों में मशीनें मिलीं जिनसे सदस्यों को संदेह हुआ कि खनन जल्द होने वाला था। समिति गारो हिल्स क्षेत्र में कोयला खदान स्थलों का भी गौर करेगी। इस साल अगस्त में गठित समिति अगले साल छह मार्च तक हर दो महीने में एनजीटी को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
एनजीटी समिति को ईस्ट जयन्तिया हिल्स में ताजा निकाला गया कोयला मिला
शिलांग, 13 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की तीन सदस्यीय समिति ने मंगलवार को कहा कि उसने मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में ताजा निकाला गया कोयला पाया है जबकि अधिकरण ने खनन और माल लाने ले जाने पर पाबंदी लगा रखी है। एनजीटी ने 2014 में पर्यावरण पर कोयले के प्रतिकूल प्रभाव और खदानकर्मियों के लिए सुरक्षा उपायों के अभाव में कोयले के खनन और इसे लाने ले जाने पर पूर्णत: पाबंदी लगाई थी। समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेनि) बी पी कातके ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हम खलेइहरियत क्षेत्र
भाषा 13 Nov 2018, 5:15 pm