विजयवाड़ा
आंध्र प्रदेश के कुरनूल इलाके में नगर निगम के डंपयार्ड में मंगलवार की आधी रात गुपचुप तरीके से कोविड-19 पॉजिटिव का शव दफनाया गया। कुरनूल में अब तक कोरोना वायरस के 386 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। यहां के कब्रिस्तानों में मृतकों के दफनाने का विरोध हो रहा है जिसके बाद लोग बाहरी इलाकों में आधी रात यहां-वहां शव दफना रहे हैं।
गुंटूर जिले में भी कोविड-19 के मरीज की मौत के बाद उसके दफनाए जाने का कड़ा विरोध हुआ था। लोगों को डर था कि इससे इलाके में कोरोना वायरस फैल सकता है। यहां पर दो ऐसे उदाहरण हैं जिसमें, गुंटूर पुलिस को शव दफनाने के विरोध के बाद हस्तक्षेप करना पड़ा।
पैदल चलने से हुई युवक की मौत, जांच के बाद शव दफनाया जा सका
गुरुवार को चित्तूर जिले में ग्रामीणों ने 26 वर्षीय एक व्यक्ति के शव का दाह संस्कार नहीं करने दिया। यह शख्स बेंगलुरु से 270 किलोमीटर पैदल चलकर अपने गृह जनपत जा रहा था और रास्ते में थकावट से मर गया था। ग्रामीणों ने विरोध किया और कहा कि स्वाब जांच के बाद जब तक मृतक की रिपोर्ट निगेटिव नहीं आएगी, वे लोग शव का दाह संस्कार नहीं होने देंगे। विरोध के कारण जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही युवक का दाह संस्कार हो सका।
एफआईआर दर्ज करने के आदेश
कोविड-19 पीड़ितों के दफनाने या दाह संस्कार को लेकर विरोध आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में फैल रहा है। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी इस स्थिति की समीक्षा की, जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को दफनाने या दाह संस्कार का विरोध करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने का निर्देश दिया है।
गुपचुप यहां-वहां शव दफना रहे लोग
कुरनूल में, डंपयार्ड की पहाड़ी और बंजर भूमि पर गुपचुप शव दफनाया गया। कोविड-19 से हुई मौत के बाद 70 वर्षीय व्यक्ति का शव कब्रिस्तान में दफनाने का लोगों ने विरोध किया था। मजबूरन घरवाले मंगलवार की आधी रात को शव गर्गियापुरम ग्राम नगरपालिका के डंपयार्ड में लेकर पहुंचे और यहां गड्ढा खोदकर शव दफनाकर वास आ गए। मृतक के परिवार को क्वारंटाइन में रखा गया है। कुरनूल तालुक सर्कल इंस्पेक्टर जी ओबुलेश ने भी इस घटना की पुष्टि की है।
पुलिस की टीम पर हुआ था पथराव
प्रजा कॉलोनी के निवासियों ने भी नगरपालिका टीम पर जमकर पथराव किया था। टीम जगन्नाथ गट्टू की पहाड़ियों में सरकारी नामिक कब्रिस्तान में एक कोविड-19 मरीज का शव दफनाने पहुंचे थे। पुलिस ने बताया कि जैसे ही लोगों ने कब्रिस्तान के आसपास पीपीई किटों में आए लोगों को देखा, विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। पत्थरबाजों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं प्रदर्शनकारियों का अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप है। निवासियों में से एक केवी रमना ने कहा कि शवों को ठीक से दफनाया नहीं गया था और कुत्तों को परिसर और इलाकों में दूषित पीपीई किट को खींचने की कोशिश करते हुए देखा गया।
सीएम ने भी की अपील
घटना को अमानवीय करार देते हुए, सीएम जगन ने डीजीपी डी. गौतम सवांग को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति को अछूत न समझें। ट्रीटमेंट के बाद वे ठीक हो जेते हैं। देश और दुनिया के मरीजों का इलाज किया जा रहा है और उन्हें छुट्टी दी जा रही है। यह वायरस है लेकिन कोई छूत की ऐसी बीमारी नहीं है कि उसका इलाज ही नहीं हो सकता।
आंध्र प्रदेश के कुरनूल इलाके में नगर निगम के डंपयार्ड में मंगलवार की आधी रात गुपचुप तरीके से कोविड-19 पॉजिटिव का शव दफनाया गया। कुरनूल में अब तक कोरोना वायरस के 386 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। यहां के कब्रिस्तानों में मृतकों के दफनाने का विरोध हो रहा है जिसके बाद लोग बाहरी इलाकों में आधी रात यहां-वहां शव दफना रहे हैं।
गुंटूर जिले में भी कोविड-19 के मरीज की मौत के बाद उसके दफनाए जाने का कड़ा विरोध हुआ था। लोगों को डर था कि इससे इलाके में कोरोना वायरस फैल सकता है। यहां पर दो ऐसे उदाहरण हैं जिसमें, गुंटूर पुलिस को शव दफनाने के विरोध के बाद हस्तक्षेप करना पड़ा।
पैदल चलने से हुई युवक की मौत, जांच के बाद शव दफनाया जा सका
गुरुवार को चित्तूर जिले में ग्रामीणों ने 26 वर्षीय एक व्यक्ति के शव का दाह संस्कार नहीं करने दिया। यह शख्स बेंगलुरु से 270 किलोमीटर पैदल चलकर अपने गृह जनपत जा रहा था और रास्ते में थकावट से मर गया था। ग्रामीणों ने विरोध किया और कहा कि स्वाब जांच के बाद जब तक मृतक की रिपोर्ट निगेटिव नहीं आएगी, वे लोग शव का दाह संस्कार नहीं होने देंगे। विरोध के कारण जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही युवक का दाह संस्कार हो सका।
एफआईआर दर्ज करने के आदेश
कोविड-19 पीड़ितों के दफनाने या दाह संस्कार को लेकर विरोध आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में फैल रहा है। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी इस स्थिति की समीक्षा की, जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को दफनाने या दाह संस्कार का विरोध करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने का निर्देश दिया है।
गुपचुप यहां-वहां शव दफना रहे लोग
कुरनूल में, डंपयार्ड की पहाड़ी और बंजर भूमि पर गुपचुप शव दफनाया गया। कोविड-19 से हुई मौत के बाद 70 वर्षीय व्यक्ति का शव कब्रिस्तान में दफनाने का लोगों ने विरोध किया था। मजबूरन घरवाले मंगलवार की आधी रात को शव गर्गियापुरम ग्राम नगरपालिका के डंपयार्ड में लेकर पहुंचे और यहां गड्ढा खोदकर शव दफनाकर वास आ गए। मृतक के परिवार को क्वारंटाइन में रखा गया है। कुरनूल तालुक सर्कल इंस्पेक्टर जी ओबुलेश ने भी इस घटना की पुष्टि की है।
पुलिस की टीम पर हुआ था पथराव
प्रजा कॉलोनी के निवासियों ने भी नगरपालिका टीम पर जमकर पथराव किया था। टीम जगन्नाथ गट्टू की पहाड़ियों में सरकारी नामिक कब्रिस्तान में एक कोविड-19 मरीज का शव दफनाने पहुंचे थे। पुलिस ने बताया कि जैसे ही लोगों ने कब्रिस्तान के आसपास पीपीई किटों में आए लोगों को देखा, विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। पत्थरबाजों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं प्रदर्शनकारियों का अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप है। निवासियों में से एक केवी रमना ने कहा कि शवों को ठीक से दफनाया नहीं गया था और कुत्तों को परिसर और इलाकों में दूषित पीपीई किट को खींचने की कोशिश करते हुए देखा गया।
सीएम ने भी की अपील
घटना को अमानवीय करार देते हुए, सीएम जगन ने डीजीपी डी. गौतम सवांग को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति को अछूत न समझें। ट्रीटमेंट के बाद वे ठीक हो जेते हैं। देश और दुनिया के मरीजों का इलाज किया जा रहा है और उन्हें छुट्टी दी जा रही है। यह वायरस है लेकिन कोई छूत की ऐसी बीमारी नहीं है कि उसका इलाज ही नहीं हो सकता।