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Meghalaya coal mining incident: मेघालय कोयला खदान हादसा में दूसरे दिन भी जारी रहा रेस्क्यू अभियान

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 2014 में अपने एक फैसले में असुरक्षित और अवैज्ञानिक तरीके से कोयला खनन और उसके परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

भाषा 1 Jun 2021, 2:55 pm
शिलॉन्ग
नवभारतटाइम्स.कॉम फाइल फोटो
फाइल फोटो

मेघालय के जयंतिया जिले में एक कोयला खदान के अंदर ब्लास्ट हो गया था। इस हादसे में कम सेकम पांच प्रवासी श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है। पता लगाने के लिए राहत कार्य मंगलवार को भी जारी रहा।

लापता हुए प्रवासी श्रमिक असम और त्रिपुरा के रहने वाले हैं। यह हादसा रविवार को उम्पलेंग इलाके में उस समय हुआ जब डायनामाइट विस्फोट के बाद खदान में पानी भर गया और श्रमिक उसमें फंस गए।

खदान प्रबंधक फरार
पुलिस अधीक्षक जगपाल सिंह धनोआ ने बताया कि खदान के प्रबंधक को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। खदान प्रबंधक इस हादसे के बाद फरार हो गया और उसने लोगों को इसका खुलासा नहीं करने की धमकी भी थी।

असम के चार और त्रिपुरा का एक श्रमिक फंसा
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक इस मामले में अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जोकि कोरोना वायरस से संक्रमित है इसलिए उसे एक सरकारी केन्द्र में रखा गया है। राज्य सरकार के मुताबिक खदान में असम के चार जबकि त्रिपुरा का एक श्रमिक फंसा हुआ है।

चल रहा था अवैध खनन
इस बीच, विपक्ष के नेता मुकुल संगमा ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मेघालय में अवैध कोयला खनन बिना रोक-टोक के चल रहा है। कांग्रेस नेता ने इससे पहले भी राज्य में अवैध और अवैज्ञानिक खनन और कोयले के परिवहन का मुद्दा उठा चुके हैं।

एनजीटी ने लगाया था बैन
आपको बता दें कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 2014 में अपने एक फैसले में असुरक्षित और अवैज्ञानिक तरीके से कोयला खनन और उसके परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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