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जब भगवान के लिए बंद हो जाता है एयरपोर्ट रनवे और रोक दी जाती हैं उड़ानें

क्या दुनिया में ऐसा कोई एयरपोर्ट है, जो 'भगवान' के लिए अपने रनवे को बंद कर लेता हो और विमानों की उड़ान के समय को बदल देता हो? यह किस्सा है केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम इंटरनैशनल एयरपोर्ट का, जहां पर पारंपरिक स्वामी पद्मनाभ स्वामी मंदिर यात्रा के चलते ऐसा होता है।

पीटीआई 27 Oct 2017, 2:26 pm
तिरुवनंतपुरम
नवभारतटाइम्स.कॉम Airport
सांकेतिक तस्वीर

क्या दुनिया में ऐसा कोई एयरपोर्ट है, जो 'भगवान' के लिए अपने रनवे को बंद कर लेता हो और विमानों की उड़ान के समय को बदल देता हो? यह किस्सा है केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम इंटरनैशनल एयरपोर्ट का, जहां पर पारंपरिक स्वामी पद्मनाभ स्वामी मंदिर यात्रा के चलते ऐसा होता है।

स्वामी पद्मनाभ मंदिर के 10 दिवसीय 'पैनकुनी' और 'अलपस्सी' त्योहार के अंतिम दिन मंदिर की मूर्तियों की यात्रा निकलते समय एयरपोर्ट पर उड़ानों को 5 घंटे तक के लिए रोक दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार एयरपोर्ट की तरफ से 1 सप्ताह पहले ही एयरमैनों को इस बारे में सूचना दे दी जाती है।

एयरपोर्ट परिसर में पड़ने वाले शनगुमुगम बीच के पास सीआईएसएफ के हथियारबद्ध जवान, पूरी यात्रा के दौरान रनवे के दोनों तरफ तैनात रहते हैं। पवित्र यात्रा के बाद मूर्तियां वापस उसी रास्ते से लौटती हैं। लोग पारंपरिक फायर लैम्प लेकर चलते हैं। शनिवार को होने वाले इस वार्षिक उत्सव के दौरान शाम को 4 से लेकर 9 बजे तक एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें रोक दी जाएंगी। मंदिर प्रबंधन के अनुसार एयरपोर्ट 1932 में बना और यह परम्परा इसके काफी पहले से ही चली आ रही है।

तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के निदेशक जॉर्ज जी थाराकन ने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि इस तरह की प्रैक्टिस पूरी दुनिया में कहीं और भी होती होगी। पूरे 5 घंटों तक रनवे बंद रहता है और सभी घरेलू- अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रुकी रहती हैं। इस दौरान एयरपोर्ट परिसर से उन्हीं लोगों को गुजरने दिया जाता है, जिनके पास स्पेशल पास होता है। पास के लिए मंदिर की तरफ से लिस्ट सौंपी जाती है।'

इस पारंपरिक यात्रा की अगुवाई त्रावणकोर के शाही परिवार के मुखिया मूलम तिरुनल रामा वर्मा करते हैं। वह पारंपरिक हरी टोपी और तलवार लेकर चलते हैं। उनके पीछे शाही परिवार के सदस्य, पुजारी, सजे हुए हाथी, पुलिस बैंड और सुरक्षा जवान चलते हैं।

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