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जाट समेत 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण पर रोक

पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने जाट समुदाय सहित 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ पाने वाली जातियों की कैटिगरी में शामिल करने पर रोक लगाते हुए ...

Navbharat Times 11 Aug 2017, 6:30 am

विस, चंडीगढ़: पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने जाट समुदाय सहित 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ पाने वाली जातियों की कैटिगरी में शामिल करने पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार से जवाब तलब कर लिया है।

गुरुवार को कोर्ट ने सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए। याचिका विकास व अन्य की तलफ से दाखिल हुई है। इसके जरिए राज्य सरकार के इस साल जून के प्रशासनिक आदेशों को चुनौती दी गई है।

याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान सरकार के फैसले को कानून के खिलाफ बताते हुए कहा कि सरकार ने 2013 की अधिसूचना के जरिए जनरल कैटिगरी की जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ देने का फैसला लिया था। अधिसूचना में स्पष्ट किया था जिस जाति को किसी और कैटिगरी में आरक्षण का लाभ मिला है उसे इस कैटिगरी में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही जाटों सहित 6 जातियों को हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन के माध्यम से चुनौती दी थी। इन 6 जातियों को आरक्षण का लाभ देने पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद एक्ट बनाकर इन जातियों को आरक्षण का लाभ दिया गया था। हाई कोर्ट द्वारा उस एक्ट पर भी रोक लगा दी गई थी और उस एक्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट फैसला सुरक्षित रख चुका है।

याचिकाकर्ता की मुख्य दलील यह रही कि जाट, जट सिख, रोड़, बिश्नोई, त्यागी तथा मुल्ला जाट/मुस्लिम जाट को एक्ट के माध्यम से आरक्षण दिया गया है। इस आरक्षण पर रोक है, लेकिन एक्ट अभी भी कायम है इसे खारिज नहीं किया गया है। ऐसे में इस एक्ट के रहते इन 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ दिया ही नहीं जा सकता है। कोर्ट ने इस पर हरियाणा सरकार के जून 2017 के प्रशासनिक आदेशों पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार को 14 सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में अब याचिका लंबित रहते नौकरी या शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में जाट, जट सिख, रोड़, बिश्नोई, त्यागी तथा मुल्ला जाट/मुस्लिम जाट को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।

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