चंडीगढ़
किसी रोमांचक मैच की तरह आखिरी ओवर में भारी उलटफेर के बीच चरणजीत सिंह चन्नी के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री का रास्ता साफ हो गया है। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीटकर बताया कि मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से पंजाब के कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है। बताया जाता है कि वह आज ही शपथ ले सकते हैं। आइए जानते हैं पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कौन हैं-
1966 में पंजाब के गठन के बाद पहले दलित सीएम
तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को नया मुख्यमंत्री चुनकर चौंकाया। 1966 में राज्य पुनर्गठन के बाद पहली बार कोई दलित पंजाब का मुख्यमंत्री होगा। दरअसल अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया। दलित सिख समुदाय से आते हैं चन्नी
चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह पंजाब का मुख्यमंत्री बनने वाले पहले दलित नेता होंगे। उन्हें पंजाब के दोआबा क्षेत्र का कद्दावर कांग्रेस नेता माने जाते हैं। ऐसे में उनको सीएम बनाया जाना कांग्रेस की ओर से सरप्राइज माना जार रहा है।
काफी समय से कैप्टन के खिलाफ अपनाए बागी सुर
चरणजीत सिंह चन्नी 2007 से विधायक हैं और श्री चमकाैर साहिब से विधायक हैं। चरणजीत सिंह चन्नी लगातार तीन बार से कांग्रेस के विधायक हैं। पंजाब की चमकौर साहिब विधानसभा सीट से वो विधायक चुनकर आते रहे हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में भी मंत्री थे। चन्नी काफी समय से कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बागी सुर अपनाए हुए थे।
पंजाब विधानसभा में रहे विपक्ष के नेता
चरणजीत सिंह चन्नी 2015 से 2016 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। सुखजिंदर सिंह रंधावा ने चन्नी को पंजाब का सीएम बनाने पर खुशी जताई और कहा कि वह मेरे छोटे भाई हैं। मैं इस निर्णय से निराश नहीं हूं।
क्यों चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर लगी मुहर?
दलित नेता को सीएम बनाकर कांग्रेस ने बड़ी आबादी को साधने का काम किया है। उन्हें कमान देकर कांग्रेस हिंदू, दलित और सिखों को एक साथ साधने का प्रयास करेगी। राज्य में दलितों की करीब 20 फीसदी आबादी है, पिछले चुनावों में यह वोटबैंक बिखरा हुआ नजर आया था। ऐसे में इसे कांग्रेस की दलितों के बिखरे हुए वोटों को एकजुट करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
मी टू मामले में भी नाम आने के बाद विवादों में रहे
अमरिंदर सरकार में पंजाब के तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नी तीन साल पहले एक सीनियर महिला आइएएस अफसर को अश्लील मैसेज भेजने की वजह से विवाद में फंसे थे। उस समय वे विदेश यात्रा पर गये हुए थे। विदेश यात्रा से लौटने के बाद चन्नीफ ने कहा था कि उन्होंने गलती से महिला अधिकारी को मैसेज भेज दिया था। हालांकि इस मामले में महिला अधिकारी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी> इसके अलावा अमरिंदर सिंह ने भी मामले को सुलझा लेने का वादा किया था। लेकिन पंजाब महिला आयोग ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार को नोटिस भेजकर कार्रवाई की मांग की थी।
किसी रोमांचक मैच की तरह आखिरी ओवर में भारी उलटफेर के बीच चरणजीत सिंह चन्नी के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री का रास्ता साफ हो गया है। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीटकर बताया कि मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से पंजाब के कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है। बताया जाता है कि वह आज ही शपथ ले सकते हैं। आइए जानते हैं पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कौन हैं-
1966 में पंजाब के गठन के बाद पहले दलित सीएम
तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को नया मुख्यमंत्री चुनकर चौंकाया। 1966 में राज्य पुनर्गठन के बाद पहली बार कोई दलित पंजाब का मुख्यमंत्री होगा। दरअसल अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया।
चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह पंजाब का मुख्यमंत्री बनने वाले पहले दलित नेता होंगे। उन्हें पंजाब के दोआबा क्षेत्र का कद्दावर कांग्रेस नेता माने जाते हैं। ऐसे में उनको सीएम बनाया जाना कांग्रेस की ओर से सरप्राइज माना जार रहा है।
काफी समय से कैप्टन के खिलाफ अपनाए बागी सुर
चरणजीत सिंह चन्नी 2007 से विधायक हैं और श्री चमकाैर साहिब से विधायक हैं। चरणजीत सिंह चन्नी लगातार तीन बार से कांग्रेस के विधायक हैं। पंजाब की चमकौर साहिब विधानसभा सीट से वो विधायक चुनकर आते रहे हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में भी मंत्री थे। चन्नी काफी समय से कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बागी सुर अपनाए हुए थे।
पंजाब विधानसभा में रहे विपक्ष के नेता
चरणजीत सिंह चन्नी 2015 से 2016 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। सुखजिंदर सिंह रंधावा ने चन्नी को पंजाब का सीएम बनाने पर खुशी जताई और कहा कि वह मेरे छोटे भाई हैं। मैं इस निर्णय से निराश नहीं हूं।
क्यों चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर लगी मुहर?
दलित नेता को सीएम बनाकर कांग्रेस ने बड़ी आबादी को साधने का काम किया है। उन्हें कमान देकर कांग्रेस हिंदू, दलित और सिखों को एक साथ साधने का प्रयास करेगी। राज्य में दलितों की करीब 20 फीसदी आबादी है, पिछले चुनावों में यह वोटबैंक बिखरा हुआ नजर आया था। ऐसे में इसे कांग्रेस की दलितों के बिखरे हुए वोटों को एकजुट करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
मी टू मामले में भी नाम आने के बाद विवादों में रहे
अमरिंदर सरकार में पंजाब के तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नी तीन साल पहले एक सीनियर महिला आइएएस अफसर को अश्लील मैसेज भेजने की वजह से विवाद में फंसे थे। उस समय वे विदेश यात्रा पर गये हुए थे। विदेश यात्रा से लौटने के बाद चन्नीफ ने कहा था कि उन्होंने गलती से महिला अधिकारी को मैसेज भेज दिया था। हालांकि इस मामले में महिला अधिकारी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी> इसके अलावा अमरिंदर सिंह ने भी मामले को सुलझा लेने का वादा किया था। लेकिन पंजाब महिला आयोग ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार को नोटिस भेजकर कार्रवाई की मांग की थी।