Bhagwant Mann Wedding: पंजाब के मुख्यमंत्री दूसरा विवाह करने जा रहे हैं। हालांकि पहली शादी से उनके दो बच्चे हैं। पंजाब विधानसभा के दौरान भगंवत मान (Bhagwant Mann) के खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। मान ने चुनावी हलफनामे में पत्नी वाला कॉलम खाली छोड़ दिया था। इस मामले में दर्ज शिकायत में कहा गया था कि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में वैवाहिक स्थिति के बारे में तथ्य छुपाया। शिकायत हरकीरत सिंह सकराली ने पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजी थी।
2015 में लिया था आपसी तलाक
सकराली ने दावा किया था कि मान ने अपने हलफनामे में 'पति/पत्नी' कॉलम में 'लागू नहीं' डाला था। इस तथ्य के बावजूद कि वह कानूनी रूप से तलाकशुदा नहीं है। उन्होंने लिखा था कि मैंने पाया है कि भगवंत मान और उनकी पत्नी ने 2015 में मोहाली की एक अदालत में आपसी तलाक के लिए याचिका दायर की थी और पहले प्रस्ताव के लिए अपना बयान दर्ज करने के बाद, वे दूसरे प्रस्ताव के बयान के लिए उपस्थित नहीं हुए। उस विशेष याचिका में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, तलाक का कोई निर्णय कभी पारित नहीं किया गया था। हालांकि ये बात फरवरी की है जब पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मान ने नामांकन दाखिल किया था।
अमेरिका में शिफ्ट हो गया परिवार
भगवंत मान ने इंदरप्रीत कौर से शादी रचाई थी। साल 2015 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक लेकर अलग होने का फैसला किया था। तलाक के बाद इंदरप्रीत दोनों बच्चों को लेकर अमेरिका चली गईं। भगवंत मान के बेटे का नाम दिलशान और बेटी का सीरत है। तलाक के बाद भगवंत मान ने अपने फेसबुक पर लिखा था कि मुझे अपने दो परिवारों में से किसी एक को चुनना था। मैंने पंजाब को चुना। भगवंत मान की पत्नी ने एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्होंने तलाक के बाद भी हमेशा भगवंत मान के लिए दुआएं मांगी हैं और आगे भी मांगती रहेंगी। उनकी पत्नी इंदरप्रीत ने कहा था कि उन्होंने कभी भी भगवंत मान के लिए किसी तरह की गलत बात नहीं कही। उनका कहना है कि हम भले शारीरिक तौर पर दूर हैं लेकिन उनके लिए मेरी दुआएं कभी कम नहीं हुईं।
फोन पर भी नहीं होती बातचीत
भगवंत मान ने एक इंटरव्यू में बताया था की उनके बच्चें अब उनसे फ़ोन पर भी बात नहीं करते। मैंने अपने परिवार को समय नहीं दिया इस वजह से मेरा परिवार बिखर गया। भगवंत मान ने यूथ कॉमेडी फेस्टिवल और इंटर कॉलेज प्रतियोगिताओं में भाग लिया। जिसमें पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला में उधम सिंह कॉलेज, सुनाम (संगरूर) के लिए एक प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक जीते। मान ने राजनीति, व्यापार और खेल जैसे विषिश्ट मुद्दों के बारें में कॉमेडी रूटीन विकसित किया।
कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर वर्ष 2011 की शुरुआती दिनों में भगवंत मान पंजाब पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल हो गये। भगवंत मान ने लेहरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा जिसमें वे हार गये। मार्च 2014 में भगवंत मान ने संगरूर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और इन्होंने 2,11,721 मतों से जीत हासिल की। यह आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब से संयोजक थे लेकिन अरविंद केजरीवाल द्वारा ड्रग माफिया मामले में विक्रम सिंह मजीठिया से बिना शर्त मांगने के बाद इस्तीफा दे दिया। सन 2017 में भगवंत मान जलालाबाद से सुखबीर सिंह बादल और रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ चुनाव लड़ा जिसमें यह बादल से 18,500 वोटों से हार गये। लेकिन इसके बाद वर्ष 2019 में भगवंत मान एक बार फिर से संगरूर लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की।
2015 में लिया था आपसी तलाक
सकराली ने दावा किया था कि मान ने अपने हलफनामे में 'पति/पत्नी' कॉलम में 'लागू नहीं' डाला था। इस तथ्य के बावजूद कि वह कानूनी रूप से तलाकशुदा नहीं है। उन्होंने लिखा था कि मैंने पाया है कि भगवंत मान और उनकी पत्नी ने 2015 में मोहाली की एक अदालत में आपसी तलाक के लिए याचिका दायर की थी और पहले प्रस्ताव के लिए अपना बयान दर्ज करने के बाद, वे दूसरे प्रस्ताव के बयान के लिए उपस्थित नहीं हुए। उस विशेष याचिका में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, तलाक का कोई निर्णय कभी पारित नहीं किया गया था। हालांकि ये बात फरवरी की है जब पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मान ने नामांकन दाखिल किया था।
अमेरिका में शिफ्ट हो गया परिवार
भगवंत मान ने इंदरप्रीत कौर से शादी रचाई थी। साल 2015 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक लेकर अलग होने का फैसला किया था। तलाक के बाद इंदरप्रीत दोनों बच्चों को लेकर अमेरिका चली गईं। भगवंत मान के बेटे का नाम दिलशान और बेटी का सीरत है। तलाक के बाद भगवंत मान ने अपने फेसबुक पर लिखा था कि मुझे अपने दो परिवारों में से किसी एक को चुनना था। मैंने पंजाब को चुना। भगवंत मान की पत्नी ने एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्होंने तलाक के बाद भी हमेशा भगवंत मान के लिए दुआएं मांगी हैं और आगे भी मांगती रहेंगी। उनकी पत्नी इंदरप्रीत ने कहा था कि उन्होंने कभी भी भगवंत मान के लिए किसी तरह की गलत बात नहीं कही। उनका कहना है कि हम भले शारीरिक तौर पर दूर हैं लेकिन उनके लिए मेरी दुआएं कभी कम नहीं हुईं।
फोन पर भी नहीं होती बातचीत
भगवंत मान ने एक इंटरव्यू में बताया था की उनके बच्चें अब उनसे फ़ोन पर भी बात नहीं करते। मैंने अपने परिवार को समय नहीं दिया इस वजह से मेरा परिवार बिखर गया। भगवंत मान ने यूथ कॉमेडी फेस्टिवल और इंटर कॉलेज प्रतियोगिताओं में भाग लिया। जिसमें पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला में उधम सिंह कॉलेज, सुनाम (संगरूर) के लिए एक प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक जीते। मान ने राजनीति, व्यापार और खेल जैसे विषिश्ट मुद्दों के बारें में कॉमेडी रूटीन विकसित किया।
कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर वर्ष 2011 की शुरुआती दिनों में भगवंत मान पंजाब पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल हो गये। भगवंत मान ने लेहरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा जिसमें वे हार गये। मार्च 2014 में भगवंत मान ने संगरूर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और इन्होंने 2,11,721 मतों से जीत हासिल की। यह आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब से संयोजक थे लेकिन अरविंद केजरीवाल द्वारा ड्रग माफिया मामले में विक्रम सिंह मजीठिया से बिना शर्त मांगने के बाद इस्तीफा दे दिया। सन 2017 में भगवंत मान जलालाबाद से सुखबीर सिंह बादल और रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ चुनाव लड़ा जिसमें यह बादल से 18,500 वोटों से हार गये। लेकिन इसके बाद वर्ष 2019 में भगवंत मान एक बार फिर से संगरूर लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की।