चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा की राजधानी और सिटी ब्यूटीफुल के नाम से मशहूर चंडीगढ़ में रेलवे स्टेशन की नई पार्किंग व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन की पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने पर एक हजार रुपये चार्ज किए जा रहे हैं। नई पार्किंग व्यवस्था के खिलाफ चंडीगढ़ के एक शख्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की है। यहां सेक्टर 52 निवासी विक्रम सिंह ने प्रधानमंत्री से शिकायत करते हुए बताया कि पार्किंग में 60 मिनट गाड़ी खड़ी करने के लिए उससे 1,000 रुपये वसूलने किए गए। विक्रम सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि वह अपने बेटे को छोड़ने स्टेशन पर गए थे। इस दौरान ट्रेन लेट होने के कारण उन्हें 60 मिनट से अधिक रेलवे स्टेशन पर रुकने के लिए मजबूर होना पड़ा। घटना 24 सितंबर की है। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण, मुझे अपने बेटे को उसके परिवार के साथ चंडीगढ़ से रुड़की के लिए ट्रेन में चढ़ाने के लिए ले जाना पड़ा। ट्रेन का समय सुबह 11 बजे था। ऐसे में मैं सुबह 10.40 बजे रेलवे स्टेशन पहुंचा।
पीएम से शिकायत में क्या कहा?
विक्रम ने पीएम को लिखे अपने पत्र में कहा कि पार्किंग स्लिप पर कुछ नियम और शर्तें लिखी थीं। इनमें पिक एंड ड्रॉप लिखा था कि 6 मिनट (30 रुपये या फ्री), 15 मिनट (50 रुपये), 30 मिनट (200 रुपये) और 30 मिनट से ज्यादा (1,000 रुपये) के लिए। यह चार्ज कमर्शियल और नान कमर्शियल वाहन दोनों के लिए तय है। चूंकि ट्रेन 45 मिनट की देरी से थी, इसलिए हमें अधिक रुकने के लिए मजबूर होना पड़ा। 60 मिनट तक रुकने के चलते पार्किंग के नाम पर 1,000 रुपये का चार्ज लिया गया। जो कि जनता के साथ खुलेआम लूट है।
रेलवे का जवाब
इस पूरे मामले पर रेलवे अधिकारियों ने कहा कि जनता को अपने वाहन निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही पार्क करने होंगे। जहां तीन घंटे के लिए 20 रुपए चार्ज किए जाते हैं। रेलवे स्टेशन के अधीक्षक जे पी सिंह ने कहा कि यह सिस्टम रेलवे स्टेशन पर भीड़भाड़ कम करने के लिए शुरू की गई है। खासकर शताब्दी एक्सप्रेस के आगमन और प्रस्थान के दौरान। जनता को पिक-एंड-ड्रॉप लेन अपनाने के बजाय सामान्य पार्किंग क्षेत्र का उपयोग करना चाहिए।
विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी
उधर, जोनल रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य और पूर्वांचल विकास महासंघ ट्राइसिटी के अध्यक्ष शशिशंकर तिवारी ने कहा कि अगर सिस्टम में संशोधन नहीं किया गया, तो हम बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। छह मिनट में सामान के साथ किसी को लेकर आना या छोड़ना संभव नहीं है। दूसरे अगर भीड़भाड़ के कारण कोई व्यक्ति लेट हो जाता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
पीएम से शिकायत में क्या कहा?
विक्रम ने पीएम को लिखे अपने पत्र में कहा कि पार्किंग स्लिप पर कुछ नियम और शर्तें लिखी थीं। इनमें पिक एंड ड्रॉप लिखा था कि 6 मिनट (30 रुपये या फ्री), 15 मिनट (50 रुपये), 30 मिनट (200 रुपये) और 30 मिनट से ज्यादा (1,000 रुपये) के लिए। यह चार्ज कमर्शियल और नान कमर्शियल वाहन दोनों के लिए तय है। चूंकि ट्रेन 45 मिनट की देरी से थी, इसलिए हमें अधिक रुकने के लिए मजबूर होना पड़ा। 60 मिनट तक रुकने के चलते पार्किंग के नाम पर 1,000 रुपये का चार्ज लिया गया। जो कि जनता के साथ खुलेआम लूट है।
रेलवे का जवाब
इस पूरे मामले पर रेलवे अधिकारियों ने कहा कि जनता को अपने वाहन निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही पार्क करने होंगे। जहां तीन घंटे के लिए 20 रुपए चार्ज किए जाते हैं। रेलवे स्टेशन के अधीक्षक जे पी सिंह ने कहा कि यह सिस्टम रेलवे स्टेशन पर भीड़भाड़ कम करने के लिए शुरू की गई है। खासकर शताब्दी एक्सप्रेस के आगमन और प्रस्थान के दौरान। जनता को पिक-एंड-ड्रॉप लेन अपनाने के बजाय सामान्य पार्किंग क्षेत्र का उपयोग करना चाहिए।
विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी
उधर, जोनल रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य और पूर्वांचल विकास महासंघ ट्राइसिटी के अध्यक्ष शशिशंकर तिवारी ने कहा कि अगर सिस्टम में संशोधन नहीं किया गया, तो हम बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। छह मिनट में सामान के साथ किसी को लेकर आना या छोड़ना संभव नहीं है। दूसरे अगर भीड़भाड़ के कारण कोई व्यक्ति लेट हो जाता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।