चंडीगढ़
खेतों में पराली जलाए जाने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से अडवाइजरी जारी करने के बाद भी पंजाब के खेतों में पराली धड़ल्ले से जलाई जा रही है। लुधियाना के गांव कोट माना में पराली जलाए जाने की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इनमें किसान बेखौफ होकर फसल अवशेष जलाते हुए नजर आ रहा है। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा प्रदूषित होने के पीछे का कारण पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा बड़ी संख्या में पराली जलाना बताया जा रहा है। हालांकि पंजाब और हरियाणा दोनों ही सरकार का दावा है कि किसानों को पराली जलाने के स्थान पर उन्हें दूसरे तरीके से नष्ट करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। पंजाब के कृषि सचिव के एस पन्नू का कहना है कि सरकार ने पिछले साल से अब तक 500 करोड़ रुपये पराली जलाने पर खर्च किए हैं। इसके तहत पिछले साल 28,000 मशीनों को लगाया गया था और इस साल यह आंकड़ा 17,000 का है।
'पंजाब के साथ बाकी राज्य भी जिम्मेदार'
दूसरी ओर, दिल्ली में प्रदूषण और खेतों में पराली जलाने को लेकर राजनीतिक वाद-विवाद छिड़ गया है। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर तत्काल सहायता की मांग की है। उन्होंने केंद्र को लिखे पत्र में कहा, 'मैं यह पत्र इसलिए नहीं लिख रहा हूं कि पंजाब राज्य की जिम्मेदारियों से अपना पल्ला झाड़ सकूं। हमें इसके लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए, लेकिन बाकी देश भी इसके लिए उतना ही जिम्मेदार है और दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार भी।'
खेतों में पराली जलाए जाने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से अडवाइजरी जारी करने के बाद भी पंजाब के खेतों में पराली धड़ल्ले से जलाई जा रही है। लुधियाना के गांव कोट माना में पराली जलाए जाने की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इनमें किसान बेखौफ होकर फसल अवशेष जलाते हुए नजर आ रहा है।
'पंजाब के साथ बाकी राज्य भी जिम्मेदार'
दूसरी ओर, दिल्ली में प्रदूषण और खेतों में पराली जलाने को लेकर राजनीतिक वाद-विवाद छिड़ गया है। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर तत्काल सहायता की मांग की है। उन्होंने केंद्र को लिखे पत्र में कहा, 'मैं यह पत्र इसलिए नहीं लिख रहा हूं कि पंजाब राज्य की जिम्मेदारियों से अपना पल्ला झाड़ सकूं। हमें इसके लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए, लेकिन बाकी देश भी इसके लिए उतना ही जिम्मेदार है और दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार भी।'