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जबरन यौन संबंध तलाक का आधार हो सकते हैं: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि 'जबरन यौन संबंध' और 'अनैतिक यौन संबंध' तलाक का आधार हो सकते हैं। निचली अदालत के इस मामले पर सुनवाई से इनकार करने के चार साल बाद हाई कोर्ट ने बठिंडा की महिला की तलाक की याचिका पर सुनवाई की।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 9 Jun 2018, 1:00 pm
चंडीगढ
नवभारतटाइम्स.कॉम court

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि 'जबरन यौन संबंध' और 'अनैतिक यौन संबंध' तलाक का आधार हो सकते हैं। निचली अदालत के इस मामले पर सुनवाई से इनकार करने के चार साल बाद हाई कोर्ट ने बठिंडा की महिला की तलाक की याचिका पर सुनवाई की।

निचली अदालत ने कहा था कि यह उन्हें स्थापित करना था कि उनके पति ने उनके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध स्थापित किया, उनके द्वारा इस संबंध में कोई चिकित्सीय साक्ष्य का उल्लेख नहीं किया है।

जस्टिस एमएमएस बेदी और हरिपाल वर्मा ने अपने आदेश में कहा, 'ऐसा भी होता है, हम पाते हैं कि अपीलकर्ता का दावा गलत तरीके से खारिज कर दिया जाता है।' फैसले में यह भी कहा गया है कि जबरन यौन संबंध या अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए पति/पत्नी को मजबूर किया जाता है, जिस कारण असहनीय दर्द होता है। निश्चित रूप से यह संबंध खत्म करने या तलाक लेने का आधार हो सकता है।

कम्प्यूटर साइंस में पोस्टग्रैजुएट डिप्लोमा होल्डर युवती की शादी बिहार के निवासी से जनवरी 2017 में हुई थी। उनका एक बच्चा भी है। युवती की याचिका के मुताबिक, उसके परिवार की तरफ से दहेज भी दिया गया था। युवती के परिवार को बताया गया था कि लड़का इंजीनियर है, जो बाद में झूठ साबित हुआ। याचिका में कहा गया है कि युवक अपनी शारीरिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए युवती को पीटता था और अप्राकृतिक संबंध भी बनाता है। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि युवती द्वारा लगाए गए आरोप काफी गंभीर हैं।

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