चंडीगढ़, 18 नवम्बर (भाषा) निर्ममतापूर्वक पिटाई और मूत्र पीने के लिए विवश किए गए 37 वर्षीय दलित जगमेल सिंह की मौत के बाद पंजाब के संगरूर जिले में जारी प्रदर्शन सोमवार को पंजाब सरकार की मदद की पेशकश के बाद खत्म कर दिया गया। पंजाब सरकार ने मृतक की पत्नी को 20 लाख रुपये मुआवजा और उसके बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का वादा किया, जिसके बाद ही यह प्रदर्शन खत्म किया गया। लेहरा-सूनाम रोड को अवरुद्ध करते हुए प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी और उनके परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की थी। गौरतलब है कि चांगलीवाला गांव के रहने वाले इस दलित व्यक्ति का 21 अक्टूबर को रिंकू नाम के व्यक्ति और कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ विवाद हुआ था, लेकिन ग्रामीणों के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया था। इसके बाद सात नवंबर को रिंकू ने उसे अपने घर बुलाया और इस मामले को लेकर उससे बहस की और उस दौरान चार लोगों ने उसे एक खंभे से बांधकर लोहे की छड़ से पीटा और जब उसने पानी मांगा, तो उसे मूत्र पीने के लिए मजबूर किया गया। दलित ने गत शनिवार को पीजीआईएमईआर में दम तोड़ दिया था। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सचिव संदीप संधू ने कहा कि अनुसूचित जाति/ जनजाति अधिनियम के तहत दिए गए 8.15 लाख रुपये सहित मृतक के परिजन को कुल 20 लाख रुपये बतौर मुआवजा दिए जाएंगे। संधू ने यहां मृतक के परिवार से मिलने के बाद कहा कि जगमेल के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। इस बीच, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रैंक के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में भी जांच की जाएगी कि मामले में पुलिस की ओर से तो कोई चूक नहीं हुई और सभी चार आरोपियों के खिलाफ सात दिन के भीतर चालान भी जारी कर दिया जाएगा। सरकार मृतक के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठाएगी। उन्होंने कहा कि घर की मरम्मत के लिए 1.25 लाख रुपये भी दिए गए हैं। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और भाजपा ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि राज्य में ‘‘जंगल राज’’ चल रहा है।
पंजाब : 20 लाख रुपये का मुआवजा, सरकारी नौकरी का भरोसा मिलने के बाद संगरूर में दलित प्रदर्शन खत्म
चंडीगढ़, 18 नवम्बर (भाषा) निर्ममतापूर्वक पिटाई और मूत्र पीने के लिए विवश किए गए 37 वर्षीय दलित जगमेल सिंह की मौत के बाद पंजाब के संगरूर जिले में जारी प्रदर्शन सोमवार को पंजाब सरकार की मदद की पेशकश के बाद खत्म कर दिया गया। पंजाब सरकार ने मृतक की पत्नी को 20 लाख रुपये मुआवजा और उसके बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का वादा किया, जिसके बाद ही यह प्रदर्शन खत्म किया गया। लेहरा-सूनाम रोड को अवरुद्ध करते हुए प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी और उनके परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की थी।
भाषा 18 Nov 2019, 8:31 pm