विशेष संवाददाता, सुप्रीम कोर्ट
सतलुज यमुना लिंक नहर मामले में हरियाणा सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है और गुहार लगाई गई है कि पंजाब सरकार को नहर की जमीन किसानों को वापस देने से रोका जाए। सुप्रीम कोर्ट 21 तारीख को अर्जी पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
हरियाणा सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि किसानों को जमीन वापस देने से रोका जाए क्योंकि इससे हालात विस्फोटक हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट से मामले में जल्द सुनवाई के लिए गुहार लगाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने 21 तारीख सोमवार को मामले की सुनवाई तय की है।
गौरतलब है कि 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब द्वारा पड़ोसी राज्यों के साथ सतजुल यमुना लिंक नहर समझौता निरस्त करने के लिए 2004 में बनाए गए कानून को असंवैधानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए रेफरेंस पर दिए फैसले में कहा था कि वह राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए सभी रेफरेंस पर अपना नकारात्मक जवाब देते हैं। पंजाब सरकार करार रद्द करने के लिए एकतरफा फैसला नहीं ले सकती
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट 2004 सुप्रीम कोर्ट के फैसलों, इंटर स्टेट नदी जल विवाद एक्ट और अन्य संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने साफ किया कि पंजाब अन्य राज्यों से किए गए एग्रीमेंट के बारे में एकतरफा फैसला नहीं ले सकता।