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Faridabad News: आप भी करते हैं जंगल से मोहब्बत तो कभी घूमने जाएं मोहब्ताबाद

Aravali Mountains News: अरावली पर्वत पर 7 कुंड निर्मित थे, जिनसे पानी लगातार पूरे साल बहता था और नीचे एक कुंड बना हुआ है, जिसमें लोग स्नान करते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अत्यधिक खनन और कम बारिश के होने के चलते इसका प्राकृतिक स्रोत सूख गया है।

Curated byराहुल महाजन | नवभारतटाइम्स.कॉम 28 Nov 2022, 12:36 pm
फरीदाबाद: अगर आपकों जंगलों से प्यार है तो आप हरियाणा के फरीदाबाद जिले के मोहब्ताबाद में घूमने जा सकते हैं। मोहब्ताबाद अरावली की पहाड़ियों पर स्थित है। लोग अकसर यहां ट्रैकिंग करने के लिए पहुंचते हैं और यहां की खूबसूरत वादियाों से रू-ब-रू होते हैं। पर्यावरण प्रेमियों को मोहब्ताबाद से खास लगाव है। वो अरावली की पहाड़ियों को फेफड़े बताते है और इसके संरक्षण करने की बात करते हैं। मोहब्ताबाद में महाभारत कालीन झरना स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि जब पांडवों ने इंद्रप्रस्थ शहर बसाया था तो इस जर्जर और वीरान अरावली पर्वत पर अनेकों झरनों को अपने तप से प्रकट किया। उनमें से मोहबताबाद गांव में स्थित वर्तमान झरना भी शामिल है।
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मोहब्ताबाद में घूमने आए लोग


यह स्थान उदयालक मुनि की तपोभूमि भी है। जिस गुफा में मुनिवर तपस्या करते थे, वह गुफा आज भी है और उनकी मूर्ति भी वहां स्थापित है जिसकी लोग पूजा करते हैं, उसी गुफा में एक बहुत विशाल शिला है, जो बिना किसी सहारे के रुकी हुई है। यह भी इस स्थान के आकर्षण का केंद्र है। अरावली को बचाने की आवाज उठाने वाली संस्था सेव अरावली ने रविवार सुबह यहां की पहाड़ियों में यात्रा 2022 का आयोजन किया। इस दौरान लोगों ने अरावली से घिरे मोहब्ताबाद के जंगल दिखे।

फरीदाबाद के अलावा नोएडा के भी पर्यावरण प्रेमी यात्रा में शामिल हुए। लोगों ने मोहब्ताबाद में झरने वाले मंदिर के भी दर्शन किए। सेव अरावली संस्था के संस्थापक सदस्यों ने बताया कि अरावली का महत्तव बताने के लिए ये यात्रा करवाई। 200 लोगों ने अरावली यात्रा के मजे लिए। लोगों ने लगभग 4 किलों मीटर पैदल अरावली के अंदर ट्रैक करके हसीन वादियों को करीब से देखा।

संस्था के सदस्य जितेंद्र भड़ाना ने रास्ते में लोगों को संबोधिक किया और कहा कि अरावली को किस तरीके से बर्बाद किया जा रहा है। हम इसे बचाकर देश की सेवा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अरावली हमारे फेफड़े हैं और इसका संरक्षण क्यों जरूरी है।

संस्था के लोग बोले कि जंगल को बचाने वाले ऊंचे सरकारी पदों पर आसीन लोग अरावली के पहाड़ों में जमीन खोदकर फार्म हाउस बना रहे हैं। निगम यहां कूड़े का पहाड़ बनाने में लगी हुई है। बंधवाड़ी के आसपास के इलाके को तो खराब कर दिया है। अब मोहब्ताबाद के जंगलों में भी कूड़ाघर तैयार कर इसे नष्ट करने की दिशा में काम किया जा रहा है, जो नहीं करने दिया जाएगा
लेखक के बारे में
राहुल महाजन
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म की पढ़ाई करने के बाद डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 9 वर्षों से ज्यादा समय से सक्रिय। ईटीवी और नेटवर्क 18 से होने हुए टाइम्स इंटरनेट तक का सफर। राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों में गहरी रुचि।... और पढ़ें

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