फरीदाबाद
क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 ने धोखाधड़ी के एक मामले में मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक फतेहपुर बिल्लौच निवासी मोनू वर्मा दो बैंकों में नकली सोना रखकर 2-2 लाख रुपये का लोन ले लिया। जब बैंक को सोने के नकली होने की भनक लगी, तब जांच में हकीकत सामने आई। बैंक मैनेजर की शिकायत पर कोतवाली थाने में सोमवार को केस दर्ज हुआ। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने नकली सोना दिल्ली से बनवाया था।
क्राइम ब्रांच इंचार्ज संदीप मोर ने बताया कि आरोपी ने पहले मणप्पुरम कंपनी से धोखाधड़ी कर 2 लाख रुपये लोन के तौर पर लिए। जब कंपनी को सोने के नकली होने के बारे में पता चला तो उसने आरोपी पर सोना ले जाने और पैसा वापस करने का दबाव बनाया। पुलिस के डर से आरोपी एक निजी बैंक इंडिया इंफोलाइन फाइनैंस लिमिटेड में गया। वहां जाकर बताया कि उसने अपना सोना मणप्पुरम गोल्ड लोन में 2 लाख रुपये में गिरवी रखा है। उसने कहा कि अगर कंपनी उसे 2 लाख रुपये दे दे तो मणप्पुरम कंपनी के पैसे चुकाकर वहां से सोना शिफ्ट कर देगा।
इस पर इंडिया इंफोलाइन फाइनैंस लिमिटेड के ब्रांच मैनेजर ने आरोपी मोनू वर्मा के साथ संजय नाम के अपने एक एग्जिक्यूटिव को 2 लाख रुपये देकर भेज दिया। मोनू ने मणप्पुरम की ब्रांच में रुपये देकर सोना ले लिया और इंडिया इंफोलाइन लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव को दे दिया। आरोप है कि उसने सोना देते हुए कहा कि वह 10 मिनट में ऑफिस आ रहा है। एग्जिक्यूटिव सोना लेकर ऑफिस पहुंच गया, लेकिन काफी देर तक आरोपी नहीं आया। इस पर कंपनी को शक हुआ तो जांच की गई, जिसमें सोना नकली निकला। इसके बाद कंपनी के मैनेजर ने केस दर्ज करवाया। क्राइम ब्रांच ने आरोपी को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है।
क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 ने धोखाधड़ी के एक मामले में मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक फतेहपुर बिल्लौच निवासी मोनू वर्मा दो बैंकों में नकली सोना रखकर 2-2 लाख रुपये का लोन ले लिया। जब बैंक को सोने के नकली होने की भनक लगी, तब जांच में हकीकत सामने आई। बैंक मैनेजर की शिकायत पर कोतवाली थाने में सोमवार को केस दर्ज हुआ। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने नकली सोना दिल्ली से बनवाया था।
क्राइम ब्रांच इंचार्ज संदीप मोर ने बताया कि आरोपी ने पहले मणप्पुरम कंपनी से धोखाधड़ी कर 2 लाख रुपये लोन के तौर पर लिए। जब कंपनी को सोने के नकली होने के बारे में पता चला तो उसने आरोपी पर सोना ले जाने और पैसा वापस करने का दबाव बनाया। पुलिस के डर से आरोपी एक निजी बैंक इंडिया इंफोलाइन फाइनैंस लिमिटेड में गया। वहां जाकर बताया कि उसने अपना सोना मणप्पुरम गोल्ड लोन में 2 लाख रुपये में गिरवी रखा है। उसने कहा कि अगर कंपनी उसे 2 लाख रुपये दे दे तो मणप्पुरम कंपनी के पैसे चुकाकर वहां से सोना शिफ्ट कर देगा।
इस पर इंडिया इंफोलाइन फाइनैंस लिमिटेड के ब्रांच मैनेजर ने आरोपी मोनू वर्मा के साथ संजय नाम के अपने एक एग्जिक्यूटिव को 2 लाख रुपये देकर भेज दिया। मोनू ने मणप्पुरम की ब्रांच में रुपये देकर सोना ले लिया और इंडिया इंफोलाइन लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव को दे दिया। आरोप है कि उसने सोना देते हुए कहा कि वह 10 मिनट में ऑफिस आ रहा है। एग्जिक्यूटिव सोना लेकर ऑफिस पहुंच गया, लेकिन काफी देर तक आरोपी नहीं आया। इस पर कंपनी को शक हुआ तो जांच की गई, जिसमें सोना नकली निकला। इसके बाद कंपनी के मैनेजर ने केस दर्ज करवाया। क्राइम ब्रांच ने आरोपी को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है।