सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने देश के मेडिकल कॉलेज कॉलेजों में दाखिले के लिए नैशनल एलिजबिल्टी कम एंट्रेस टेस्ट (एनईईटी) का रिजल्ट मंगलवार को घोषित कर दिया। नीट का पहले फेज का एग्जाम 6 मई को आयोजित किया गया था। 24 जुलाई को दूसरे फेज का एग्जाम हुआ। दोनों एग्जाम में फरीदाबाद के करीब 700 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। विद्या मंदिर स्कूल के प्रिंसिपल आनंद गुप्ता ने बताया कि अभी तक सफल छात्रों की सही संख्या का पता नहीं चला है। मगर संस्थानों के दावों के मुताबिक, मंगलवार को घोषित नतीजे में फरीदाबाद से करीब 100 बच्चों को सफलता मिली है। यह बेहतर रिजल्ट है। उन्होंने बताया कि सीबीएसई ने आंसर की चैलेंज करने की तिथि 10 अगस्त रखी थी। उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स आंसर देखकर परीक्षार्थी चैलेंज कर सकते थे।
गौरतलब है कि 9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एक कॉमन एन्ट्रेंस टेस्ट करने का आदेश दिया था। आनंद गुप्ता ने बताया कि एनईईटी की परीक्षा सीबीएससी के पाठ्यक्रम के अनुसार हुई है। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा दूसरी भाषाओं में परीक्षा देने वाले कई राज्यों के छात्रों ने इस पर ऐतराज जताया था। उनका कहना था कि दूसरी भाषाओं के छात्रों को इससे नुकसान होगा। इस मामले पर कुछ सांसदों का कहना था कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की है। गुजरात, जम्मू कश्मीर सहित कई राज्यों ने इसका विरोध किया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी फैसले पर विचार के लिए अपील की गई। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने भी इसे जारी रखा।
गौरतलब है कि 9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एक कॉमन एन्ट्रेंस टेस्ट करने का आदेश दिया था। आनंद गुप्ता ने बताया कि एनईईटी की परीक्षा सीबीएससी के पाठ्यक्रम के अनुसार हुई है। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा दूसरी भाषाओं में परीक्षा देने वाले कई राज्यों के छात्रों ने इस पर ऐतराज जताया था। उनका कहना था कि दूसरी भाषाओं के छात्रों को इससे नुकसान होगा। इस मामले पर कुछ सांसदों का कहना था कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की है। गुजरात, जम्मू कश्मीर सहित कई राज्यों ने इसका विरोध किया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी फैसले पर विचार के लिए अपील की गई। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने भी इसे जारी रखा।