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अस्पताल में कर्मचारी के कान पर सिफारिशी फोन लगाना मना है!

बीके अस्पताल का स्टाफ अब किसी सिफारिश पर कान नहीं देगा। असल में, अस्पताल की इमर्जेंसी में कई जगह ऐसे नोटिस लगाए गए हैं कि इलाज को लेकर कोई भी शख्स बिना बताए किसी भी कर्मचारी के कान पर मोबाइल फोन न लगाए।

नवभारत टाइम्स 15 Apr 2019, 3:02 pm
हेमलता रावत, फरीदाबाद
नवभारतटाइम्स.कॉम BK-St

फरीदाबाद के बीके अस्पताल का स्टाफ अब किसी सिफारिश पर कान नहीं देगा। असल में, अस्पताल की इमर्जेंसी में कई जगह ऐसे नोटिस लगाए गए हैं कि इलाज को लेकर कोई भी शख्स बिना बताए किसी भी कर्मचारी के कान पर मोबाइल फोन न लगाए। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक यह इंतजाम स्टाफ को काम के दौरान होने वाले डिस्टर्बेंस को रोकने के लिए किया गया है।

असल में, इसके पीछे कुछ दिन पहले की एक घटना है। बताया गया कि इमर्जेंसी में रात की पाली में तैनात स्टाफ नर्स के सामने डॉग बाइट का एक मामला आया था। रात में ऐंटी-रेबीज के इंजेक्शन नहीं लगाए जाते, यह कहकर नर्स ने मरीज को सुबह लाने के लिए कहा था। उस दौरान मरीज ने मोबाइल पर किसी मंत्री से संपर्क साधा और नर्स के कान पर फोन लगाकर बात करा दी। आरोप है कि मंत्री ने कहा कि कुछ पैसे भले ले लो, इंजेक्शन लगा दो। नर्स ने साफ किया कि इमर्जेंसी में रात के वक्त ऐंटी-रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होते और यह कहकर फोन काट दिया। यही नहीं, इस घटना की जानकारी अस्पताल के उच्च अधिकारियों को भी दी।

इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने बात कराने की मनाही वाला नोटिस चिपकवा दिया। इस बारे में अस्पताल के कार्यकारी सीएमओ डॉ. सुशील माही ने कहा कि ड्यूटी के दौरान किसी भी स्टाफ को फोन पर बात करके इलाज करने की इजाजत नहीं है क्योंकि ऐसा करने से अनहोनी की आशंका बनी रहती है।

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