नरेश गर्ग, गुड़गांव
जब भारत आजाद हुआ तो यह पाकिस्तान चले गए, आठ साल बाद भारत वापस लौट आए। दोबारा परिवार से मिलने गए तो समझ आ गया कि पाकिस्तान से भारत कितना अलग है और ऐसा क्यों है। अपने जीवन के 120 बसंत देख चुके सिधरावट गांव के अब्दुल रहमान का कहना है कि हिंदुस्तान जैसा भाईचारा, प्रेम, मोहब्बत और आबोहवा पाकिस्तान में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी देश में मुसलमान पूरी तरह से सुरक्षित हैं, तो वह देश हिंदुस्तान ही है। स्वतंत्रता दिवस पर एसडीएम अनीश यादव ने सबसे ज्यादा उम्रदराज व्यक्ति के तौर पर सम्मानित भी किया। अब्दुल रहमान की खास बात यह है कि उनके दांत जन्म के हैं। वहीं, आंखें भी अभी तक सलामत हैं। हालांकि उन्हें चलने में अब थोड़ी परेशानी होती है। अब्दुल के परिवार के छठी पीढ़ी उनके सामने है।
120 साल के अब्दुल रहमान ने बताया कि वह दो भाई हैं। दूसरे भाई का नाम गफूर है। आजादी के बाद दोनों ही पाकिस्तान चले गए थे लेकिन मात्र 8 महीने बाद ही वह पाकिस्तान से वापस आ गए। उन्होंने बताया कि आजादी के 20 साल बाद वह दोबारा पाकिस्तान अपने परिजनों से मिलने गए। लेकिन वहां जो सुलूक उनके साथ हुआ वह बेहद हैरान करने वाला था। उन्हें वहां लोग इज्जत, एहतराम देने के बजाय उल्टा कोसने लगे। यह उन्हें बर्दाश्त नहीं हुआ। उस दिन के बाद उन्होंने पाकिस्तान में रह रहे अपने परिजनों से नाता तोड़ लिया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के रहने के लिए हिंदुस्तान से अच्छा और सुरक्षित देश कोई नहीं है। यहां मुसलमानों को पूरी स्वतंत्रता है। जबकि दूसरे कई देशों में हिंदुस्तान के मुसलमान को नफरत की नजर से देखते हैं। उन्होंने कहा हिंदुस्तान ऐसा मुल्क है जहां हिंदू और मुसलमान एक दूसरे के दुख-दर्द, खुशी, शादी-विवाह में शामिल होते हैं। यहां जैसा भाईचारा पूरे विश्व के किसी देश में नहीं है।
अब्दुल ने बताया कि जंग-ए-आजादी में मेवात के काफी लोगों को अंग्रेजों ने फांसी पर लटकाया। काफी लोगों ने हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर किए। लेकिन लड़ाई लड़ते वक्त न कोई मुसलमान था, न हिंदू, न सिख बल्कि सभी हिंदुस्तानी थे। यही वजह थी कि देश आजाद हुआ।
जब भारत आजाद हुआ तो यह पाकिस्तान चले गए, आठ साल बाद भारत वापस लौट आए। दोबारा परिवार से मिलने गए तो समझ आ गया कि पाकिस्तान से भारत कितना अलग है और ऐसा क्यों है। अपने जीवन के 120 बसंत देख चुके सिधरावट गांव के अब्दुल रहमान का कहना है कि हिंदुस्तान जैसा भाईचारा, प्रेम, मोहब्बत और आबोहवा पाकिस्तान में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी देश में मुसलमान पूरी तरह से सुरक्षित हैं, तो वह देश हिंदुस्तान ही है। स्वतंत्रता दिवस पर एसडीएम अनीश यादव ने सबसे ज्यादा उम्रदराज व्यक्ति के तौर पर सम्मानित भी किया। अब्दुल रहमान की खास बात यह है कि उनके दांत जन्म के हैं। वहीं, आंखें भी अभी तक सलामत हैं। हालांकि उन्हें चलने में अब थोड़ी परेशानी होती है। अब्दुल के परिवार के छठी पीढ़ी उनके सामने है।
120 साल के अब्दुल रहमान ने बताया कि वह दो भाई हैं। दूसरे भाई का नाम गफूर है। आजादी के बाद दोनों ही पाकिस्तान चले गए थे लेकिन मात्र 8 महीने बाद ही वह पाकिस्तान से वापस आ गए। उन्होंने बताया कि आजादी के 20 साल बाद वह दोबारा पाकिस्तान अपने परिजनों से मिलने गए। लेकिन वहां जो सुलूक उनके साथ हुआ वह बेहद हैरान करने वाला था। उन्हें वहां लोग इज्जत, एहतराम देने के बजाय उल्टा कोसने लगे। यह उन्हें बर्दाश्त नहीं हुआ। उस दिन के बाद उन्होंने पाकिस्तान में रह रहे अपने परिजनों से नाता तोड़ लिया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के रहने के लिए हिंदुस्तान से अच्छा और सुरक्षित देश कोई नहीं है। यहां मुसलमानों को पूरी स्वतंत्रता है। जबकि दूसरे कई देशों में हिंदुस्तान के मुसलमान को नफरत की नजर से देखते हैं। उन्होंने कहा हिंदुस्तान ऐसा मुल्क है जहां हिंदू और मुसलमान एक दूसरे के दुख-दर्द, खुशी, शादी-विवाह में शामिल होते हैं। यहां जैसा भाईचारा पूरे विश्व के किसी देश में नहीं है।
अब्दुल ने बताया कि जंग-ए-आजादी में मेवात के काफी लोगों को अंग्रेजों ने फांसी पर लटकाया। काफी लोगों ने हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर किए। लेकिन लड़ाई लड़ते वक्त न कोई मुसलमान था, न हिंदू, न सिख बल्कि सभी हिंदुस्तानी थे। यही वजह थी कि देश आजाद हुआ।