गुड़गांव
इस बार शहर में गणेशोत्सव के दौरान पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके तहत गणेशोत्सव में लोगों को तुलसी के पौधे भेंट किए जाएंगे, वहीं क्लीन इंडिया ग्रीन इंडिया थीम पर महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। पंडाल के स्टॉल में पर्यावरण अनुकूल थालियां और प्यालों आदि का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। गणेशोत्सव के लिए अब केवल 2 दिन का समय शेष रह गया है, ऐसे में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
मां बेटी मिलकर बनाएंगी एक हजार मोदक
शहर की सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति के सचिव गंगाधर गुंडे ने बताया कि गणेश की प्रतिमा को पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनवाया गया है। महोत्सव को लेकर महिलाओं ने मोदक बनाने भी शुरू कर दिए हैं। एस्सेल टावर में रहने वाली 80 साल की आरबी मेडेकर और उनकी बेटी सुभांगी मेडेकर मिलकर मोदक बना रही हैं। गणेशोत्सव में ये दोनों एक हजार मोदक बनाकर अपनी ओर से भेजेंगी।
कागज मिट्टी और फिटकरी से बनाई गई हैं प्रतिमाएं
कई संगठनों ने बाहर से पर्यावरण अनुकूलित प्रतिमाएं मंगवाई हैं। कागज, मिट्टी और फिटकरी से बनी इन प्रतिमाओं को जैविक रंगों से सजाया गया है। आमतौर पर बाजार में मिलने वालीं श्रीगणेश प्रतिमाएं प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी होती हैं। ये मूर्तियां दिखने में बहुत आकर्षक होती हैं, लेकिन विसर्जन के समय यमुना जल को दूषित करती हैं। प्रतिमाओं को खाद्य एंव जैविक रंगों से सजाया गया है। इनकी कीमत 100 से 5000 रुपये तक है।
25 को शहर में होंगे कार्यक्रम
25 अगस्त को सुबह 7:00 बजे श्री स्थापना, अथर्वशीर्षपाठ, महाआरती, हल्दी कुंकू और भंडार, 26 अगस्त को शाम 8 बजे कीर्तन भजन, 27 अगस्त को चित्रकला, पाककला, रंगोली प्रतियोगिता, मोदक आरती और हास्य कवि सम्मेलन, 28 अगस्त को हिंदी मराठी नाटक गुलदस्ता, 29 अगस्त को दीप आरती और हिंदी गीतमाला जुनून, 30 अगस्त को महाराष्ट्राची लोकधारा, 31 अगस्त को मराठी नाटक यू टर्न-2, 1 सितंबर को ऑरकेस्ट्रा, 2 सितंबर को पुष्प आरती और बाल गोपाल बच्चों की रंगारंग प्रस्तुति और आखिरी दिन 3 सितंबर को गणेश विसर्जन होगा। ये सभी कार्यक्रम सेक्टर-15 कम्युनिटी सेंटर, डीएलएफ फेज-2, सेक्टर-4, सेक्टर-21, सुशांत लोक में होंगे।
इस बार शहर में गणेशोत्सव के दौरान पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके तहत गणेशोत्सव में लोगों को तुलसी के पौधे भेंट किए जाएंगे, वहीं क्लीन इंडिया ग्रीन इंडिया थीम पर महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। पंडाल के स्टॉल में पर्यावरण अनुकूल थालियां और प्यालों आदि का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। गणेशोत्सव के लिए अब केवल 2 दिन का समय शेष रह गया है, ऐसे में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
मां बेटी मिलकर बनाएंगी एक हजार मोदक
शहर की सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति के सचिव गंगाधर गुंडे ने बताया कि गणेश की प्रतिमा को पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनवाया गया है। महोत्सव को लेकर महिलाओं ने मोदक बनाने भी शुरू कर दिए हैं। एस्सेल टावर में रहने वाली 80 साल की आरबी मेडेकर और उनकी बेटी सुभांगी मेडेकर मिलकर मोदक बना रही हैं। गणेशोत्सव में ये दोनों एक हजार मोदक बनाकर अपनी ओर से भेजेंगी।
कागज मिट्टी और फिटकरी से बनाई गई हैं प्रतिमाएं
कई संगठनों ने बाहर से पर्यावरण अनुकूलित प्रतिमाएं मंगवाई हैं। कागज, मिट्टी और फिटकरी से बनी इन प्रतिमाओं को जैविक रंगों से सजाया गया है। आमतौर पर बाजार में मिलने वालीं श्रीगणेश प्रतिमाएं प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी होती हैं। ये मूर्तियां दिखने में बहुत आकर्षक होती हैं, लेकिन विसर्जन के समय यमुना जल को दूषित करती हैं। प्रतिमाओं को खाद्य एंव जैविक रंगों से सजाया गया है। इनकी कीमत 100 से 5000 रुपये तक है।
25 को शहर में होंगे कार्यक्रम
25 अगस्त को सुबह 7:00 बजे श्री स्थापना, अथर्वशीर्षपाठ, महाआरती, हल्दी कुंकू और भंडार, 26 अगस्त को शाम 8 बजे कीर्तन भजन, 27 अगस्त को चित्रकला, पाककला, रंगोली प्रतियोगिता, मोदक आरती और हास्य कवि सम्मेलन, 28 अगस्त को हिंदी मराठी नाटक गुलदस्ता, 29 अगस्त को दीप आरती और हिंदी गीतमाला जुनून, 30 अगस्त को महाराष्ट्राची लोकधारा, 31 अगस्त को मराठी नाटक यू टर्न-2, 1 सितंबर को ऑरकेस्ट्रा, 2 सितंबर को पुष्प आरती और बाल गोपाल बच्चों की रंगारंग प्रस्तुति और आखिरी दिन 3 सितंबर को गणेश विसर्जन होगा। ये सभी कार्यक्रम सेक्टर-15 कम्युनिटी सेंटर, डीएलएफ फेज-2, सेक्टर-4, सेक्टर-21, सुशांत लोक में होंगे।