विनय प्रताप, गुड़गांव
सिटी में कुछ प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से न केवल पैरंट्स परेशान हैं बल्कि इसका खामियाजा बच्चे भी भुगत रहे हैं। एक अभिभावक ने आरोप लगाया कि फीस न देने पर उनके बच्चे को स्कूल में तीन घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया। हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर उपचार के बाद उसे घर लाया गया। अब बच्चा डर के मारे स्कूल जाने से मना कर रहा है।
अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई बात करने को तैयार नहीं हैं। इसके बाद पूरे मामले की शिकायत एडीसी, जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई। हमारे सहयोगी अखबार नवभारत टाइम्स से एडीसी ने कहा कि वह मामले की जांच कराएंगे। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बच्चे के पिता सुनील ने बताया कि 2015-16 सेशन में EWS कैटिगरी के तहत उनके बेटे का फोर्थ क्लास में एक नामी प्राइवेट स्कूल में ऐडमिशन हुआ था। पहले साल तो स्कूल ने फीस की डिमांड नहीं की, लेकिन अब स्कूल संचालक फीस की डिमांड कर रहे हैं। फीस ज्यादा होने के कारण वह फीस देने में असमर्थ हैं। इस कारण स्कूल प्रशासन उनके बच्चे को परेशान कर रहा है। रोजाना पूरे क्लास में उसे फीस के बारे में टोका जाता था। शुक्रवार को तो हद हो गई। उनके बेटे को 3 घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया। इस तरह के टॉर्चर के बाद से उसके मन में डर बैठ गया है। अब वह स्कूल जाने से मना कर रहा है। इस रवैये के खिलाफ उन्होंने एडीसी और शिक्षा विभाग को शिकायत दी।
सिटी में कुछ प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से न केवल पैरंट्स परेशान हैं बल्कि इसका खामियाजा बच्चे भी भुगत रहे हैं। एक अभिभावक ने आरोप लगाया कि फीस न देने पर उनके बच्चे को स्कूल में तीन घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया। हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर उपचार के बाद उसे घर लाया गया। अब बच्चा डर के मारे स्कूल जाने से मना कर रहा है।
अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई बात करने को तैयार नहीं हैं। इसके बाद पूरे मामले की शिकायत एडीसी, जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई। हमारे सहयोगी अखबार नवभारत टाइम्स से एडीसी ने कहा कि वह मामले की जांच कराएंगे। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बच्चे के पिता सुनील ने बताया कि 2015-16 सेशन में EWS कैटिगरी के तहत उनके बेटे का फोर्थ क्लास में एक नामी प्राइवेट स्कूल में ऐडमिशन हुआ था। पहले साल तो स्कूल ने फीस की डिमांड नहीं की, लेकिन अब स्कूल संचालक फीस की डिमांड कर रहे हैं। फीस ज्यादा होने के कारण वह फीस देने में असमर्थ हैं। इस कारण स्कूल प्रशासन उनके बच्चे को परेशान कर रहा है। रोजाना पूरे क्लास में उसे फीस के बारे में टोका जाता था। शुक्रवार को तो हद हो गई। उनके बेटे को 3 घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया। इस तरह के टॉर्चर के बाद से उसके मन में डर बैठ गया है। अब वह स्कूल जाने से मना कर रहा है। इस रवैये के खिलाफ उन्होंने एडीसी और शिक्षा विभाग को शिकायत दी।