नगर संवाददाता, गुड़गांव
गुड़गांव देश का सबसे ज्यादा पलूशन वाला शहर बना गया है, इसके बावजूद यहां पलूशन को कम करने की कवायद नहीं की जा रही है। बंधवाड़ी ट्रीटमेंट प्लांट में करीब 4 साल से जमा 20 लाख टन कूड़ा शहर की आबोहवा को खराब कर रहा है। इसके अलावा डस्ट और जाम भी प्रदूषण को दोगुना कर रहे हैं। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की टीम ने यह रिपोर्ट मेबर सेक्रेटरी को दी है, जिसे अब नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में जमा किया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया कि प्लांट के डंपिंग ग्राउंड में कई एकड़ एरिया में 65 मीटर ऊंचा कूड़े का ढेर लगा है। कूडे का गंदा पानी निकल कर फॉरेस्ट एरिया के वॉटर जोन में जा रहा है, जिससे वॉटर जोन में ग्राउंड वॉटर पूरी तरह से गंदा हो चुका है। आसपास के गांवों में रहने वोल लोग अलग-अलग किस्म की जल जनित बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। पूरे शहर का पर्यावरण इस कूड़े के चलते गंदा हो रहा है। लाखों टन कूड़े को अगले दो या तीन महीनों में वैज्ञानिक ढंग से प्रोसेस नहीं किया गया, तो परिणाम भयावह हो सकता है। शहर में पलूशन का दूसरा कारण भयंकर जाम की समस्या और डस्ट है। पूरे शहर में 400 से अधिक स्थानों पर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट जारी हैं और डस्ट को हवा में घुलने से रोकने के लिए कोई प्रबंध साइटों पर नहीं हो रहे। ट्रैफिक जाम पलूशन का तीसरा कारण है।
सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, एनजीटी के आदेश पर पिछले महीने पर्यावरण व वन मंत्रालय, सीपीसीबी और ईपीसीए की टीम ने बंधवाड़ी ट्रीटमेंट प्लांट का मुआयना किया था। एनजीटी ने टीम को मौके का मुआयना कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है, ताकि यह पता चल सके कि इस कूड़े से पर्यावरण को कितना नुकसान हो रहा है। इसके अलावा गुड़गांव व फरीदाबाद में पलूशन का दूसरा कारण क्या है? टीम ने सुबह से शाम तक प्लांट के एक-एक हिस्से का मुआयना किया और अब रिपोर्ट सीपीसीबी के मेंबर सेक्रेटरी को दी है। सीपीसीबी के साइंटिस्ट दीपंकर शाहा के अनुसार, यह रिपोर्ट बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी को सौंप दी गई है।