निरंजन कुमार, गुरुग्राम: मिलेनियम सिटी के बीचोबीच निकलने वाले दिल्ली गुड़गांव एक्सप्रेसवे के सबसे बड़े जंक्शन शंकर चौक और इफ्को चौक के री-डिजायन किए जाने का खाका तैयार कर लिया गया है। राहगीरी फाउंडेशन की टेक्निकल टीम के सहयोग से एक सप्ताह के भीतर दोनों जंक्शन का नया डिजायन बनाकर जिला रोड सेफ्टी कमिटी को सौंपा जाएगा। इसकी अप्रूवल मिलते ही पहले इफ्को चौक का हुलिया बदला जाएगा, उसके बाद शंकर चौक पर काम होगा। इन जंक्शनों के नए डिजायन में पैदल यात्रियों की सुविधा का ज्यादा ध्यान रखा जाएगा।
खासकर शंकर चौक पर न तो फुटओवर ब्रिज है और न ही अंडरपास। जबकि यहां से रोजाना करीब 20 हजार पैदल यात्री जान जोखिम में डालकर रोड क्रॉस करते हैं। यहां पर डीएलएफ फाउंडेशन की तरफ से पैदल यात्रियों के लिए सब-वे और एफओबी भी बनाया जाएगा। ताकि पैदल यात्रियों की पहुंच ट्रैफिक से दूर रहे। अभी दोनों चौराहों पर आए दिन पैदल यात्री रोड क्रॉस करते समय वाहनों की चपेट में आकर जख्मी हो रहे हैं। औसतन हर साल इन दोनों चौराहों पर 5 से 7 लोगों की मौत होती है। बुधवार को रोड सेफ्टी कमिटी के चेयरमैन और डीसी निशांत यादव ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया तो कई खामियां नजर आई थीं। जिन्हें अब दूर करने की कवायद शुरू की गई है।
3 साल बाद फिर लगेंगे ट्रैफिक सिग्नल
अप्रैल 2016 में एनएचएआई ने जाम की समस्या से निपटने के लिए इफ्को चौक, सिग्नेचर और राजीव चौक को सिग्नल फ्री बनाने के लिए 1,200 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी थी। 2019 में एनएचएआई द्वारा जंक्शन सुधार योजना के तहत अंडरपास और फुट ओवरब्रिज के निर्माण के साथ सिग्नल-फ्री बना दिया गया था। हाई-स्पीड कॉरिडोर पर यह दूसरा जंक्शन होगा जहां सिग्नल दोबारा लगेंगे। तीन महीने पहले ही राजीव चौक को री डिजायन किया गया था।
अभी है ये व्यवस्था
शंकर चौक
-यहां पर न सब वे है और न ही एफओबी
-स्लिप रोड और फलाईओवर के नीचे से डेढ़ लाख से ज्यादा वाहन गुजरते हैं
- 20 हजार लोग दिनभर में रोड क्रॉस करते हैं
-रोड क्रॉसिंग की वजह से ट्रैफिक स्लो होने से जाम लग जाता है
री डिजायन के बाद
-पैदल यात्री सुरक्षित रोड क्रॉस कर सकेंगे
-दुर्घटनाओं में कमी आएंगी और मौत का आंकड़ा कम होगा
-वाहन फर्राटा भर सकेंगे और जाम नहीं लगेगा
इफ्को चौक
-यहां सब वे तो है, लेकिन पैदल यात्री फ्रेंडली नहीं है
-10 हजार से ज्यादा यात्री सीधे रोड क्रॉस करते हैं
-जाम कम लगता है, लेकिन पैदल यात्रियों की वजह ट्रैफिक स्लो होता है
री डिजायन के बाद
-सभी 5 रास्तों की तरफ आना जाना सुगम होगा
-लंबी दूरी की बसों को खड़े होने का रास्ता मिलेगा
-ऑटो और ई रिक्शा के लिए अलग से स्टैंड बन जाएगा
-सब वे में उचित वेंटिलेशन और लाइट की व्यवस्था होगी
-मेट्रो के प्रवेश और निकास से सीधे पैदल रास्ता मिलेगा
रोड क्रॉस करना खतरनाक
- राहगीरी फाउंडेशन की को-फाउंडर एवं ट्रैफिक एक्सपर्ट सारिका पांडा का कहना है कि साइबर सिटी और उद्योग विहार में काम करने लगभग 20 हजार नौकरीपेशा लोग रोजाना शंकर चौक पर रोड क्रॉस करते हैं। करीब 10 हजार लोग इफ्को चौक पर भी सड़क पार करते हैं। शाम के समय जब लोग गुड़गांव में कार्यालयों से दिल्ली लौटते हैं तो वाहनों की आवाजाही बढ़ जाती है। ऐसे में यहां काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
खासकर शंकर चौक पर न तो फुटओवर ब्रिज है और न ही अंडरपास। जबकि यहां से रोजाना करीब 20 हजार पैदल यात्री जान जोखिम में डालकर रोड क्रॉस करते हैं। यहां पर डीएलएफ फाउंडेशन की तरफ से पैदल यात्रियों के लिए सब-वे और एफओबी भी बनाया जाएगा। ताकि पैदल यात्रियों की पहुंच ट्रैफिक से दूर रहे। अभी दोनों चौराहों पर आए दिन पैदल यात्री रोड क्रॉस करते समय वाहनों की चपेट में आकर जख्मी हो रहे हैं। औसतन हर साल इन दोनों चौराहों पर 5 से 7 लोगों की मौत होती है। बुधवार को रोड सेफ्टी कमिटी के चेयरमैन और डीसी निशांत यादव ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया तो कई खामियां नजर आई थीं। जिन्हें अब दूर करने की कवायद शुरू की गई है।
3 साल बाद फिर लगेंगे ट्रैफिक सिग्नल
अप्रैल 2016 में एनएचएआई ने जाम की समस्या से निपटने के लिए इफ्को चौक, सिग्नेचर और राजीव चौक को सिग्नल फ्री बनाने के लिए 1,200 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी थी। 2019 में एनएचएआई द्वारा जंक्शन सुधार योजना के तहत अंडरपास और फुट ओवरब्रिज के निर्माण के साथ सिग्नल-फ्री बना दिया गया था। हाई-स्पीड कॉरिडोर पर यह दूसरा जंक्शन होगा जहां सिग्नल दोबारा लगेंगे। तीन महीने पहले ही राजीव चौक को री डिजायन किया गया था।
अभी है ये व्यवस्था
शंकर चौक
-यहां पर न सब वे है और न ही एफओबी
-स्लिप रोड और फलाईओवर के नीचे से डेढ़ लाख से ज्यादा वाहन गुजरते हैं
- 20 हजार लोग दिनभर में रोड क्रॉस करते हैं
-रोड क्रॉसिंग की वजह से ट्रैफिक स्लो होने से जाम लग जाता है
री डिजायन के बाद
-पैदल यात्री सुरक्षित रोड क्रॉस कर सकेंगे
-दुर्घटनाओं में कमी आएंगी और मौत का आंकड़ा कम होगा
-वाहन फर्राटा भर सकेंगे और जाम नहीं लगेगा
इफ्को चौक
-यहां सब वे तो है, लेकिन पैदल यात्री फ्रेंडली नहीं है
-10 हजार से ज्यादा यात्री सीधे रोड क्रॉस करते हैं
-जाम कम लगता है, लेकिन पैदल यात्रियों की वजह ट्रैफिक स्लो होता है
री डिजायन के बाद
-सभी 5 रास्तों की तरफ आना जाना सुगम होगा
-लंबी दूरी की बसों को खड़े होने का रास्ता मिलेगा
-ऑटो और ई रिक्शा के लिए अलग से स्टैंड बन जाएगा
-सब वे में उचित वेंटिलेशन और लाइट की व्यवस्था होगी
-मेट्रो के प्रवेश और निकास से सीधे पैदल रास्ता मिलेगा
जंक्शन के एक ट्रैफिक सर्वे में फ्लाईओवर के नीचे ट्रैफिक सिग्नल लगाने का भी सुझाव दिया गया है। शंकर चौक पर एफओबी और सब -वे जरूरी हैं। इसलिए पैदल यात्री क्रॉसिंग को सुरक्षित बनाने के लिए दोनों जंक्शनों को री डिजायन करने का फैसला लिया गया है।
रोड क्रॉस करना खतरनाक
- राहगीरी फाउंडेशन की को-फाउंडर एवं ट्रैफिक एक्सपर्ट सारिका पांडा का कहना है कि साइबर सिटी और उद्योग विहार में काम करने लगभग 20 हजार नौकरीपेशा लोग रोजाना शंकर चौक पर रोड क्रॉस करते हैं। करीब 10 हजार लोग इफ्को चौक पर भी सड़क पार करते हैं। शाम के समय जब लोग गुड़गांव में कार्यालयों से दिल्ली लौटते हैं तो वाहनों की आवाजाही बढ़ जाती है। ऐसे में यहां काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।