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को-ऑपरेटिव सोसायटी मैनेजमेंट पर कसा शिकंजा

प्रमुख संवाददाता, गुड़गांव : ग्रीवेंस कमिटी की मीटिंग में सीएम मनोहर लाल ने दो कंस्ट्रक्शन कंपनियों और दो को-ऑपरेटिव सोसायटी की पूर्व प्रबंधन समितियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। गुरुवार को लघु सचिवालय में डिस्ट्रिक्ट ग्रीवेंस कमिटी की मीटिंग में सीएम के सामने 22 समस्याएं रखी गईं।

नवभारत टाइम्स 17 Jun 2016, 2:02 am
प्रमुख संवाददाता, गुड़गांव : ग्रीवेंस कमिटी की मीटिंग में सीएम मनोहर लाल ने दो कंस्ट्रक्शन कंपनियों और दो को-ऑपरेटिव सोसायटी की पूर्व प्रबंधन समितियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। गुरुवार को लघु सचिवालय में डिस्ट्रिक्ट ग्रीवेंस कमिटी की मीटिंग में सीएम के सामने 22 समस्याएं रखी गईं। इसमें एमार एमजीएफ पाल्म हिल्स, सेक्टर-77 के मामले में निवेशकों ने बताया गया कि इसका निर्माण 36 महीने में होना था। 2013 के अंत तक बिल्डर ने सभी से 90 से 98 प्रतिशत राशि ले ली, लेकिन अभी तक पजेशन नहीं दिया गया। इस पर बिल्डर के प्रतिनिधि ने बताया कि 25 टावर लगभग तैयार हैं, दिसंबर के अंत तक पजेशन दे दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने एसटीपी को निर्देश दिए कि वह यह चेक करें कि यह निर्माण कंस्ट्रक्शन लिंक्ड है तो खरीददारों से 90 से 98 प्रतिशत राशि क्यों ली गई और देरी के लिए बिल्डर-बायर एग्रीमेंट के हिसाब से खरीददारों को मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया। सीएम ने सेक्टर-103 में ए एन बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे प्रोजेक्ट स्पायरवुड्स के मामले में हूडा अधिकारियों को प्रोजेक्ट स्थल पर भरे पानी की निकासी करवाकर उसका खर्च बिल्डर पर डालने के निर्देश दिए। सोसायटी के दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे लिक्विडेशन (दिवालियापन) का केस बाहर लाने का प्रयास किया जाए। इस मामले में जिला नगर योजनाकार ने बताया कि बिल्डिंग प्लान स्वीकृत होने से पहले ही प्री-लॉन्च के तहत फ्लैटों की रजिस्ट्री करने के दोषी पाए जाने पर बिल्डर के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है। इस प्रोजेक्ट पर पिछले डेढ़ साल से निर्माण बंद है, इस कंपनी के सभी निदेशक आदि इस्तीफा देकर जा चुके हैं।
नवभारतटाइम्स.कॉम management tightened the screws on cooperative society
को-ऑपरेटिव सोसायटी मैनेजमेंट पर कसा शिकंजा

सेक्टर-55 स्थित प्लॉट नंबर-63 में बनी सुनहरा अपना घर को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी मामले में गैरकानूनी ढंग से निर्धारित सदस्यों से अधिक सदस्य बनाने के आरोपी अध्यक्ष के खिलाफ फ्रॉड का केस दर्ज करके कार्रवाई के निर्देश दिए। सोसायटी के सहायक रजिस्ट्रार ने बताया कि उनके कार्यालय में उपलब्ध एल-फॉर्म में सोसायटी में 50 सदस्य हैं जबकि तत्कालीन अध्यक्ष ने 150 सदस्य बना दिए। इस प्रोजेक्ट पर 10 साल से अधिक समय से निर्माण चल रहा है। समिति के प्रधान को निलंबित करके समिति के बैंक खाते सील कर दिए गए हैं और रेकॉर्ड की तलाश की जा रही है। वहीं, सेक्टर-52 स्थित रामशांति को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी की पूर्व प्रबंधन समिति द्वारा मग्गू को-ऑपरेटिव सोसायटी के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके नियमों से ज्यादा आबंटन करके करोड़ों रुपये का घपला करने के मामले में मुख्यमंत्री ने धोखाधड़ी के लिए पूर्व प्रबंधन समिति पर एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने सहकारी समितियों के सहायक रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि वह सोसायटी के वास्तविक 96 सदस्यों की पहचान करें।

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