ऐपशहर

गुड़गांव: विकास दुबे की तरह संदीप गाडौली का हुआ था एनकाउंटर, तीन पुलिसवाले अबतक जेल में

कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर (vikas dubey encounter) के बाद लोग और प्रशासन पुलिस की पीठ थपथपा रहा है। ऐसा ही हरियाणा के गैंगस्टर संदीप गाडौली (sandeep gadoli gangster) के मामले में हुआ था। लेकिन बाद में जांच जब शुरू हुई तो पुलिसवाले ही नप गए। 2016 में हुए एनकाउंटर में तीन पुलिसवाले अबतक जेल में बंद।

नवभारत टाइम्स 11 Jul 2020, 11:27 am

हाइलाइट्स

  • विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस पर उठ रहे सवाल, समर्थन वाले भी कम नहीं
  • ऐसा ही एनकाउंटर हरियाणा के गैंगस्टर संदीप गाडौली का हुआ था
  • फरवरी 2016 को गुड़गांव क्राइम ब्रांच ने मुंबई में किया था एनकाउंटर
  • बाद में हुई थी जांच, अबतक जेल में बंद हैं 3 पुलिसकर्मी
सारी खबरें हाइलाइट्स में पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें
सोनू यादव, गुड़गांव
कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत कई अन्य आरोपी एनकाउंटर (vikas dubey encounter) में मारे जा चुके हैं। अधिकतर लोग पुलिस के इस कदम को बेहतर बताकर हौसला अफजाई कर रहे हैं, लेकिन एनकाउंटर, कहने में यह शब्द जितना साहस भरा लगता है, उतना है नहीं। शुरू में तो अफसर से लेकर नेता तक सब हौसला अफजाई करते हैं और इनाम की घोषणा करते हैं। लेकिन कुछ समय बीतते ही जब जांच की आंच आती है तो एनकाउंटर टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को इसके परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
पढ़ें- कारोबारी का साथ, वकील का दिमाग..विकास ने किए थे ये बड़े खुलासे

साइबर सिटी कहे जाने वाले गुड़गांव की क्राइम ब्रांच का भी एक ऐसा ही उदाहरण है। हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी जैसे 36 से अधिक संगीन मामले गैंगस्टर संदीप गाडौली पर दर्ज थे। करीब डेढ़ दशक तक उसने गुड़गांव में अपना खौफ बनाए रखा, लेकिन सेक्टर-10 क्राइम ब्रांच की एक टीम 7 फरवरी 2016 को गैंगस्टर का पीछा करते हुए मुंबई अंधेरी के होटल के कमरे में पहुंची। गाडौली एक कमरे में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ था। उसे सरेंडर करने को कहा गया लेकिन नहीं माना तो पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। गैंगस्टर की गर्लफ्रेंड भी कमरे में थी लेकिन अब वो भी पुलिस के साथ साजिश के तहत हत्या में शामिल होने के आरोप में जेल में है।


एनकाउंटर होते ही आला अधिकारियों ने पीठ थपथपाई तो टीम का भी सीना चौड़ा हो गया। लेकिन गैंगस्टर के परिवार ने टीम पर हत्या के आरोप लगाए और मुंबई पुलिस की जांच भी एकाएक बदल गई। गुड़गांव क्राइम ब्रांच की ओर से मुंबई में पुलिस टीम पर हमले के चलते दर्ज कराई गई हत्या के प्रयास की एफआईआर क्राइम ब्रांच के खिलाफ हत्या की धारा में बदल गई।

जांच के बाद 5 पुलिसकर्मी हुए अरेस्ट
मामले की जांच शुरू हुई और मुंबई पुलिस गुड़गांव क्राइम ब्रांच के कुछ पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के लिए गुड़गांव पहुंच गई। टीम में शामिल रहे सिर्फ 5 पुलिसकर्मियों की ही मुंबई पुलिस को तलाश थी। 6 जुलाई 2016 को एनकाउंटर करने वाले एसआई प्रद्युम्न यादव को मुंबई पुलिस ने अरेस्ट कर लिया, जिसके बाद विक्रम, दीपक, जितेंद्र व परमजीत भी अरेस्ट हुए। मुंबई हाईकोर्ट से 2 पुलिसकर्मियों दीपक व जितेंद्र को जमानत मिलने के बाद वे अपनी हरियाणा पुलिस की ड्यूटी जाइन कर चुके हैं। जबकि अन्य तीन पुलिसकर्मियों को अभी जमानत का इंतजार है।


फोटो में देख रहा बच्चे का बड़ा होना
एनकाउंटर करने वाले एक पुलिसकर्मी के घर इस मामले के दौरान ही बच्चे ने जन्म लिया। वो सिर्फ एक बार अपने बच्चे को हाथों में लेकर देख पाया है। 4 साल से अधिक समय बीत चुका हैं, अब गुड़गांव से साल में 1-2 बार कोई मिलने जाता है तो वो कोई अन्य इच्छा या जरूरत नहीं सिर्फ अपने बच्चे की लेटेस्ट फोटो मंगवाता है। ताकि बच्चे को फोटो में देख सके कि वो कितना बड़ा हो गया है और अब कैसा लगता है। वहीं, गुड़गांव पुलिस कमिश्नर के के राव ने कहा कि वो इस मामले में कोई बयान नहीं देना चाहते।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग