ऐपशहर

खामियों से तंग आकर प्रिंसिपल ने छोड़ा था स्कूल

चार माह पहले तत्कालीन प्रिंसिपल ने मैनेजमेंट को खामियां बताई थीं इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिस्टम की बेहतरी के लिए लिखा था लेटर सिस्टम में सुधार न होने ...

Navbharat Times 13 Sep 2017, 8:00 am

चार माह पहले तत्कालीन प्रिंसिपल ने मैनेजमेंट को खामियां बताई थीं

इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिस्टम की बेहतरी के लिए लिखा था लेटर

सिस्टम में सुधार न होने पर छोड़ दिया था स्कूल

स्कूल में व्यक्ति विशेष की प्रार्थना करवाने का भी आरोप

बच्चों को जबरन एक धार्मिक ग्रंथ पढ़वाने के लिए मजबूर करने का आरोप

Surender.Singh

@timesgroup.com

गुड़गांव : भोंडसी के रायन इंटरनैशनल स्कूल के इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिस्टम में पहले से ही खामियां हैं। पुलिस की जांच में चाहे यह बात अभी सामने आई हो, लेकिन इससे पहले भी यह मामला उजागर हो चुका था। पुलिस के सूत्र बताते हैं कि करीब चार माह पहले इस स्कूल की तत्कालीन प्रिंसिपल ने सिस्टम को बेहतर करने के लिए आला स्तर के अधिकारियों से बार-बार संपर्क किया। पत्राचार भी किया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। बताया जा रहा है इसी बात से परेशान होकर उन्होंने स्कूल छोड़ दिया। उनके जाने के बाद भी स्कूल प्रशासन पर असर नहीं पड़ा। रायन स्कूल की दूसरी शाखा से प्रिंसिपल को बुलाकर उनको यहां का कार्यभार दे दिया गया, बाकी सब कुछ ऐसे ही चलता रहा।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि भोंडसी स्थित रायन इंटरनैशनल स्कूल में पहले से ही काफी खामियां थीं। करीब 4 माह पहले स्कूल की तत्कालीन प्रिंसिपल ने नॉर्दर्न इंडिया के हेड फ्रांसिस थॉमस को भी इस बारे में अवगत करवाया गया था। इसके अलावा कॉर्डिनेटर जेयस थॉमस से बहुत बार प्रिंसिपल का संपर्क हुआ। इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला। इतना ही नहीं यह बात भी पुलिस जांच में सामने आई है कि अभिभावक भी बस में सामने आने वाली परेशानी, स्कूल के ऊपर से जाने वाली हाई टेंशन वायर, स्कूल की बाउंड्रीवॉल पूरी न होने के अलावा वाइन शॉप की शिकायत कई बार कर चुके थे। यहां की सिक्यॉरिटी में झोल काफी समय से चल रहा है। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल संचालकों के न केवल प्रदेश बल्कि केंद्र की राजनीति में सीधी दखल होने के कारण वह डंके की चोट पर इतनी खामियों के बावजूद अपने स्कूल चलाते रहे। इतनी मोटी फीस के बावजूद यहां पर पचास से अधिक कंडक्टर, ड्राइवर और सफाई कर्मचारियों के लिए टॉइलट न होना, बैठने की जगह न होना, टॉइलट की खिड़की टूटी होना, बच्चों के वॉशरूम का कंडक्टर और ड्राइवर के यूज करने के अलावा इन कर्मचारियों का बिना रोक टोक के स्कूल के किसी भी हिस्से में आना जाना स्कूल की लापरवाही में सामने आया है।

कुछ अभिभावकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां पर जबरन एक धार्मिक किताब को पढ़ाया जाता था। इतना ही नहीं आरोप तो यह भी है कि स्कूल संचालकों में से व्यक्ति विशेष के लिए प्रेयर की जाती है। अभिभावकों के अलावा पुलिस एसआईटी से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने इन सभी बातों की पुष्टि की है।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग