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छेड़छाड़ का हुईं शिकार तो बन गईं लेडी बॉडीगार्ड

47 साल की वीना गुप्ता पेशे से एक बॉडीगार्ड हैं। वह महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी देती हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने एक ...

नवभारत टाइम्स 14 Mar 2018, 11:48 am
गुड़गांव
नवभारतटाइम्स.कॉम Veena-Gupta

47 साल की वीना गुप्ता पेशे से एक बॉडीगार्ड हैं। वह महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी देती हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने एक ऐप भी बनाया है। साथ ही उन्हें फ्री कोचिंग समेत अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाती हैं। वीना ने न सिर्फ अपनी और अपनी बेटी की रक्षा का प्रण लिया है, बल्कि दूसरों की रक्षा का भी बीड़ा उठाया है। वह दूसरी महिलाओं को भी सेल्फ डिफेंस के साथ महिला बॉडीगार्ड बनने की ट्रेनिंग दे रही हैं।

इस तरह बदला जीवन का नजिरया

वीना ने बॉडीगार्ड बनने का फैसला तब लिया, जब वह खुद ईव-टीजिंग का शिकार हुईं। 2007 में वह अपनी बेटी और फ्रेंड के साथ मार्केट में गई थीं। इस दौरान कुछ लड़के उन्हें परेशान करने लगे। इस घटना से वह काफी डर गईं। सवाल न सिर्फ उनकी सुरक्षा का था, बल्कि बेटी की सेफ्टी का भी था। उन्होंने फैसला किया कि वह इस डर से उबरेंगी और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेंगी। इसके बाद ट्रेनिंग लेकर वह बॉडीगार्ड बन गईं।

बचपन से ही थीं दबंग

सेक्टर 56 में रहने वाली वीना गुप्ता बचपन से ही दबंग रही हैं। घरवालों ने भी उन्हें पूरा सपॉर्ट किया। पहले तो वह छोटे स्तर पर ही बॉडीगार्ड का काम करती थीं, लेकिन अब उनका यूएस बेस्ड अमेरिकन बॉडी गार्ड कंपनी से टायअप है। इसके माध्यम से वह विदेश में भी अपनी सर्विस दे रही हैं। कनाडा, अमेरिका समेत वह कई देशों में जा चुकी हैं। साथ ही कोई विदेशी इंडिया आता है, तो कंपनी के माध्यम से एनआरआई को भी वह बॉडीगार्ड की सर्विस देती हैं।

महिलाओं को देती हैं फ्री ट्रेनिंग

वीना डब्ल्यूईएसएस यानी विमिन एम्पावरमेंट सिक्यॉरिटी ऐंड सेफ्टी नाम का एनजीओ भी चलाती हैं। इसके माध्यम से वह महिलाओं को फ्री में सेल्फ डिफेंस में दक्ष कर रही हैं। हर शनिवार को वीना 3 घंटे सेक्टर-57 में महिलाओं को ट्रेनिंग देती हैं। साथ ही बॉडीगार्ड बनने के लिए कई महिलाओं को फुल ट्रेनिंग दे चुकी हैं। पहला बेच वह मुंबई में तैयार कर चुकी हैं। इसके बाद अब दिल्ली-एनसीआर के ग्रुप को तैयार करने लिए शेड्यूल तैयार कर रही हैं।

'परिवार के सपॉर्ट से जग जीत सकती हैं महिलाएं'
वीना बताती हैं कि ऐसी महिलाएं बहुत कम होती हैं, जो इस प्रफेशन में आती हैं। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है घरवालों का सपॉर्ट। अगर परिवार के लोग लड़कों की तरह लड़कियों को भी पूरा सपॉर्ट करें तो विमिन सेफ्टी का मुद्दा ही खत्म हो जाएगा। इस पुरुष प्रधान समाज को महिला प्रधान समाज बनने में देर नहीं लगेगी। बचपन से ही लड़का और लड़की में घरवाले फर्क न करें तो यह मुद्दा कभी निकल कर ही नहीं आएगा।

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