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हरियाणा: नगर निगम चुनावों की घोषणा होते ही घरों से निकले प्रत्याशी, 16 दिसंबर को मतदान के बाद 19 को मतगणना

हरियाणा में यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक और हिसार नगर निगम के चुनाव की घोषणा गुरुवार को हुई। यहां 16 दिसंबर को मतदान होगा और 19 दिसंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। घोषणा के बाद से ही प्रत्याशियों के बीच चुनावी हलचल तेज हो गई है।

नवभारत टाइम्स 22 Nov 2018, 3:11 pm
एसपी रावत, हिसार
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

हरियाणा में यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक और हिसार नगर निगम के चुनाव की घोषणा होते ही प्रत्याशी घरों से बाहर आने लगे हैं। गुरूवार को जैसे ही घोषणा हुई, चुनावी चहल पहल शुरू हो गई। राज्य में पहली बार मेयर का सीधा चुनाव होगा इसलिए आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने गुरूवार से ही मतदाताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है। नगर निगम चुनावों को 2019 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों से पहले 20-20 मैच माना जा रहा है।

हरियाणा चुनाव आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 1 से 6 दिसंबर तक नामांकन हो सकेगा। सात दिसंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी साथ ही उम्मीदवार 8 दिसंबर तक नाम वापस ले सकेंगे। 16 दिसंबर को वोटिंग होगी व 19 दिसंबर को मतगणना के बाद चुनाव परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी। मतदान के लिए ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल होगा व नगर निगम के चुनाव मेयर के चुनाव के लिए अलग ईवीएम मशीन होगी।

प्रत्याशी अपने दलों के नेताओं के संपर्क में पहुंचे
आईएनएलडी यह घोषणा कर चुकी है कि नगर निगमों के चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर लडे़ जाएंगे। घोषणा होते ही आईएनएलडी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक कुमार अरोड़ा ने कुरुक्षेत्र में बताया कि पार्टी चुनाव के लिए तैयार है। एक सवाल के जवाब में अरोड़ा ने कहा कि यमुनानगर में मेयर के प्रत्याशी के तौर पर अश्विनी दत्ता के नाम पर अभी कोई फैसला नहीं है, सभी प्रत्याशियों के नामों का फैसला बीएसपी व आईएनएलडी की संयुक्त कमिटी में लिया जाएगा।

उधर अभी तक कांग्रेस में असमंजस की हालत बनी हुई है। हालांकि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने घोषणा की हुई है कि पार्टी सिंबल पर ही निगम चुनाव लडे़ंगे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा बार-बार कह रहे हैं कि अभी कुछ तय नहीं हुआ है और जो भी होगा उस पर विचार किया जाएगा। सीएलपी लीडर किरण चौधरी व पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा भी नामों को तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी चुनाव को लेकर पहले से ही सक्रिय दिखाई दे रही थी और पार्टी के नेताओं का कहना है कि प्रत्याशियों के नामों के चयन में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है, जिस प्रत्याशी का नाम भी ऊपर से आएगा वे उसके पक्ष में काम करेंगे।

नोटा का भी दिख सकता है असर
यमुनानगर, करनाल व पानीपत में स्थानीय स्तर पर नगर निगमों के सामने कई तरह की समस्याएं रही हैं, जिन्हें चेयरमैन व पार्षद हल करवाने में काफी हद तक विफल रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या सफाई व गलियों के उबड़-खाबड़ होने की रही है, जिसे लेकर स्थानीय वोटर नाराज भी हैं। अगर उनकी नाराजगी दूर नहीं होती तो वे चुनाव में मतदान के समय नोटा का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकेंगे।

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