जींद
हरियाणा के जींद से पंजाब सीमा तक 552 करोड़ रुपये खर्च कर बनाए गए फोर लेन नैशनल हाइवे का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 14 जुलाई को ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। लेकिन उद्घाटन से पहले ही जींद में बने करीब 17 किलोमीटर लंबे बाईपास पर कई जगहों पर सड़कों के छोर टूटे हुए हैं, करीब 150 से अधिक पैच लगा चुके हैं। वहीं, उचाना ,नरवाना में भी बहुत जगहों पर सड़क की हालत खराब है।
करीब 30 साल पहले शुरू हुई इस परियोजना के पूरा होते-होते कई सरकारें आई और गईं। लेकिन अब जाकर यह बाईपास पूरा हो पाया है। आठ साल पहले कांग्रेस के शासनकाल में इस पर काम शुरू हुआ, लेकिन परियोजना बीच में ही अटक गई। 2018 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस पर फिर से काम शुरू हुआ। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास किया था। इसके बाद परियोजना पर काम तेजी से काम शुरू हुआ और करीब एक साल पहले यह सड़क बनकर तैयार हो गई। इस 17 किलोमीटर बाईपास समेत पूरी परियोजना के उद्घाटन की औपचारिकता 14 जुलाई को पूरी होगी।
पंजाब सीमा तक बने इस हाइवे पर 552 करोड़ रुपये खर्च हुए जिसमें से 150 करोड़ रुपये जींद के 17 किलोमीटर लंबे बाईपास पर ही खर्च हुए हैं। पिछले कुछ समय से इस बाई पास पर वाहनों को आवागमन हो रहा है। 150 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद कई जगहों पर रोड़ टेढ़ा-मेढ़ा है। इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि यह परियोजना रोहतक से लेकर जींद जिला में पंजाब सीमा तक है, लेकिन इसको दो हिस्सों में पूरा किया जाएगा। एक हिस्सा जींद के अनूपगढ़ गांव से लेकर पंजाब सीमा तक पूरा हो चुका है और अनूपगढ़ से रोहतक तक की परियोजना पर अभी काम शुरू हो पाया है।
इसमें अनूपगढ़ गांव से लेकर झांझ गांव तक बने बाईपास तक गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। उद्घाटन से पहले ही अधिकारी रोड़ पर 150 से अधिक पैच लगा चुके हैं। अनूपगढ़ गांव से लेकर पंजाब सीमा तक की बात करें तो कई जगहों पर हालत खस्ता है। इस रोड़ पर खटकड़ गांव के पास टोल लगाया गया है। जींद से यदि कोई अपना वाहन लेकर उचाना तक भी जाता है तो उसे टोल देना पड़ता है, और टोल की दरें बहुत ज्यादा है।
एनएचएआई परियोजना, (रोहतक) के निदेशक वीके शर्मा ने बताया, 'बाईपास पर कई जगह सड़कें टूटी हैं, इसको ठीक करवाया गया है। बारिश का मौसम होने के कारण अभी सिर्फ पैच लगवाए हैं। बारिश के बाद पूरी सड़क पर परत बिछाई जाएगी। इसके बाद कोई समस्या नहीं आएगी।'
हरियाणा के जींद से पंजाब सीमा तक 552 करोड़ रुपये खर्च कर बनाए गए फोर लेन नैशनल हाइवे का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 14 जुलाई को ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। लेकिन उद्घाटन से पहले ही जींद में बने करीब 17 किलोमीटर लंबे बाईपास पर कई जगहों पर सड़कों के छोर टूटे हुए हैं, करीब 150 से अधिक पैच लगा चुके हैं। वहीं, उचाना ,नरवाना में भी बहुत जगहों पर सड़क की हालत खराब है।
करीब 30 साल पहले शुरू हुई इस परियोजना के पूरा होते-होते कई सरकारें आई और गईं। लेकिन अब जाकर यह बाईपास पूरा हो पाया है। आठ साल पहले कांग्रेस के शासनकाल में इस पर काम शुरू हुआ, लेकिन परियोजना बीच में ही अटक गई। 2018 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस पर फिर से काम शुरू हुआ। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास किया था। इसके बाद परियोजना पर काम तेजी से काम शुरू हुआ और करीब एक साल पहले यह सड़क बनकर तैयार हो गई। इस 17 किलोमीटर बाईपास समेत पूरी परियोजना के उद्घाटन की औपचारिकता 14 जुलाई को पूरी होगी।
पंजाब सीमा तक बने इस हाइवे पर 552 करोड़ रुपये खर्च हुए जिसमें से 150 करोड़ रुपये जींद के 17 किलोमीटर लंबे बाईपास पर ही खर्च हुए हैं। पिछले कुछ समय से इस बाई पास पर वाहनों को आवागमन हो रहा है। 150 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद कई जगहों पर रोड़ टेढ़ा-मेढ़ा है। इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि यह परियोजना रोहतक से लेकर जींद जिला में पंजाब सीमा तक है, लेकिन इसको दो हिस्सों में पूरा किया जाएगा। एक हिस्सा जींद के अनूपगढ़ गांव से लेकर पंजाब सीमा तक पूरा हो चुका है और अनूपगढ़ से रोहतक तक की परियोजना पर अभी काम शुरू हो पाया है।
इसमें अनूपगढ़ गांव से लेकर झांझ गांव तक बने बाईपास तक गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। उद्घाटन से पहले ही अधिकारी रोड़ पर 150 से अधिक पैच लगा चुके हैं। अनूपगढ़ गांव से लेकर पंजाब सीमा तक की बात करें तो कई जगहों पर हालत खस्ता है। इस रोड़ पर खटकड़ गांव के पास टोल लगाया गया है। जींद से यदि कोई अपना वाहन लेकर उचाना तक भी जाता है तो उसे टोल देना पड़ता है, और टोल की दरें बहुत ज्यादा है।
एनएचएआई परियोजना, (रोहतक) के निदेशक वीके शर्मा ने बताया, 'बाईपास पर कई जगह सड़कें टूटी हैं, इसको ठीक करवाया गया है। बारिश का मौसम होने के कारण अभी सिर्फ पैच लगवाए हैं। बारिश के बाद पूरी सड़क पर परत बिछाई जाएगी। इसके बाद कोई समस्या नहीं आएगी।'