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पंजाब: धुआं, धुंध और बादलों ने सैटलाइट किए नाकाम, नहीं दे पा रहे खेतों में लगी आग की जानकारी

लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर शुक्रवार और शनिवार को धुंध और बादलों की वजह से खेतों में जलाई जा रही पराली का पता नहीं लगा पाया। राज्य के अधिकांश हिस्सों में घनी धुंध छाई रही।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 4 Nov 2019, 11:51 am

हाइलाइट्स

  • पंजाब में सर्दियों के आगमन के साथ ही राज्‍य में एयर क्‍वॉलिटी इंडेक्‍स (एक्यूआई) रविवार को खतरनाक स्तर पर पहुंच गया
  • लुधियाना का रिमोट सेंसिंग सेंटर शुक्रवार, शनिवार को धुंध की वजह से खेतों में जलाई जा रही पराली का पता नहीं लगा पाया
  • पिछले साल, 3 नवंबर तक, पंजाब भर में पराली जलाने के कुल 25,380 मामले दर्ज किए गए थे और 2017 में यह संख्या 30,867 थी
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नवभारतटाइम्स.कॉम farm fires
प्रतीकात्‍मक चित्र
मनीष सरहिंदी, पटियाला
पंजाब में सर्दियों के आगमन के साथ ही राज्‍य में एयर क्‍वॉलिटी इंडेक्‍स (एक्यूआई) रविवार को खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। पटियाला और मंडी गोबिंदगढ़ सबसे खराब एक्यूआई से जूझते रहे। राज्य के अधिकांश हिस्सों में घनी धुंध छाई रही। इस वजह से पटियाला नगर निगम ने एक आपात बैठक बुलाई जिसमें खुले क्षेत्रों में कचरे को जलाने के खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू किया गया।
लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर शुक्रवार और शनिवार को धुंध और बादलों की वजह से खेतों में जलाई जा रही पराली का पता नहीं लगा पाया। रविवार को उसने खेतों में आग लगाने के 2,856 मामलों की पुष्टि की। इनमें से ज्यादातर संगरूर, पटियाला, मुक्तसर, मनसा, फिरोजपुर, फरीदकोट, भटिंडा और बरनाला से रिपोर्ट किए गए थे।

पढ़ें: पराली जलाने वालों को 17 साल की लड़की ने दी सीख, किसानों ने पकड़ी सही राह

आंकड़ों से पता चला कि रविवार तक, तरनतारन से कुल 2,672 मामले, संगरूर से 2,903, पटियाला से 2,422, मुक्तसर से 1,524, मानसा से 1,447, कपूरथला से 1,068, जालंधर से 918, गुरदासपुर से 1,191, फिरोज़पुर से 3,053, 1,102 शामिल थे। फरीदकोट से, बठिंडा से 1,795 और अमृतसर से 1,107। पिछले साल, 3 नवंबर तक, पंजाब भर में कुल 25,380 मामले दर्ज किए गए थे और 2017 में यह संख्या 30,867 थी।

पढ़ें: हरियाणा: पराली जलने से घुट रहा दम, कैथल में 133 किसानों का चालान

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे आंकड़ों के आधार पर जिला प्रशासन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के पराली जलाने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

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