अमृतसर
पंजाब के अमृतसर में शनिवार से हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस शुरू होने जा रहा है। दो दिनों के इस कॉन्फ्रेंस से इतर भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ रहे तनाव को लेकर बातचीत की संभावना जताई जा रही थी। हालांकि जानकारों का कहना है कि अब दोनों देशों बीच वार्ता मुश्किल है। साथ ही आतंकवाद को बढ़ावा देने की वजह से पाकिस्तान को अलग करने के लिए भारत और अफगानिस्तान साथ नजर आएंगे।
मध्य एशिया मामलों के ऐक्सपर्ट प्रफेसर कुलदीप सिंह ने बताया 'जब भारत ने कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान से बातचीत की संभावना जाहिर की थी, तो इससे यह भी साफ था कि पाकिस्तान की ओर से वार्ता की कोई पेशकश नहीं की गई है। भारत तभी बातचीत के लिए आगे बढ़ेगा जब पाकिस्तान इसके लिए निवेदन करेगा।'
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल सायेंस पढ़ाने वाले प्रफेसर सिंह का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कड़ा रुख अख्तियार किया है, उसके बाद द्विपक्षीय वार्ता की संभावना कम है।
भारत-अफगानिस्तान करेंगे पाक को अलग
ऐसी संभावना है कि कॉन्फ्रेंस में भारत और अफगानिस्तान मिलकर आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की तैयारी में है। भारत सैन्य बेस पर आतंकी हमलों का मुद्दा उठाएगा। अफगानिस्तान में भी बीते कुछ समय में पाकिस्तान की सरजमीं से होने वाली आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है।
पीएम मोदी-अशरफ घनी होंगे मौजूद
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी संयुक्त तौर पर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी सम्मेलन में रविवार को शामिल होंगे। इससे पहले पीएम मोदी आज अमृतसर पहुंचेंगे। जहां वह कतर के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन नासेर बिन खलीफा अल-थानी से वार्ता करेंगे।
क्या है हार्ट ऑफ एशिया?
आतंकवाद, चरमपंथ और गरीबी से निबटने के लिए अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए 2011 में शुरू की गई पहल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सउदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और यूएई शामिल हैं।
पंजाब के अमृतसर में शनिवार से हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस शुरू होने जा रहा है। दो दिनों के इस कॉन्फ्रेंस से इतर भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ रहे तनाव को लेकर बातचीत की संभावना जताई जा रही थी। हालांकि जानकारों का कहना है कि अब दोनों देशों बीच वार्ता मुश्किल है। साथ ही आतंकवाद को बढ़ावा देने की वजह से पाकिस्तान को अलग करने के लिए भारत और अफगानिस्तान साथ नजर आएंगे।
मध्य एशिया मामलों के ऐक्सपर्ट प्रफेसर कुलदीप सिंह ने बताया 'जब भारत ने कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान से बातचीत की संभावना जाहिर की थी, तो इससे यह भी साफ था कि पाकिस्तान की ओर से वार्ता की कोई पेशकश नहीं की गई है। भारत तभी बातचीत के लिए आगे बढ़ेगा जब पाकिस्तान इसके लिए निवेदन करेगा।'
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल सायेंस पढ़ाने वाले प्रफेसर सिंह का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कड़ा रुख अख्तियार किया है, उसके बाद द्विपक्षीय वार्ता की संभावना कम है।
भारत-अफगानिस्तान करेंगे पाक को अलग
ऐसी संभावना है कि कॉन्फ्रेंस में भारत और अफगानिस्तान मिलकर आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की तैयारी में है। भारत सैन्य बेस पर आतंकी हमलों का मुद्दा उठाएगा। अफगानिस्तान में भी बीते कुछ समय में पाकिस्तान की सरजमीं से होने वाली आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है।
पीएम मोदी-अशरफ घनी होंगे मौजूद
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी संयुक्त तौर पर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी सम्मेलन में रविवार को शामिल होंगे। इससे पहले पीएम मोदी आज अमृतसर पहुंचेंगे। जहां वह कतर के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन नासेर बिन खलीफा अल-थानी से वार्ता करेंगे।
क्या है हार्ट ऑफ एशिया?
आतंकवाद, चरमपंथ और गरीबी से निबटने के लिए अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए 2011 में शुरू की गई पहल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सउदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और यूएई शामिल हैं।