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करनाल: हजारों स्‍कूली बच्‍चों ने ली पराली न जलाने और पर्यावरण को बचाने की शपथ

राह ग्रुप फाउंडेशन के इस प्रदेश व्यापी जागरुकता अभियान का मकसद विद्यार्थियों को पराली के बेहतर विकल्प व प्रबंधन के प्रति जागरूक करना था।

नवभारत टाइम्स 15 Nov 2019, 1:33 pm
एसपी रावत, करनाल
नवभारतटाइम्स.कॉम farm fires2
प्रतीकात्‍मक चित्र

प्रदेश में पराली के प्रदूषण के प्रति विद्यार्थियों को जागरुक करने के मकसद से राह ग्रुप फाउंडेशन की ओर से करनाल के 42 स्कूलों के 31753 विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई। अधिकांश प्राइवेट व सरकारी स्कूलों में जागरूकता रैली, पेंटिंग/स्पीच कॉम्पिटिशन और नुक्कड़ नाटकों से पराली प्रदूषण से बचने व बचाने का संदेश दिया गया।

कार्यक्रम का आगाज राह ग्रुप के नैशनल चेयरमैन व कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़ ने किया। राह ग्रुप फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन रामनिवास वर्मा, राष्ट्रीय सलाहकार सुदेश चहल और करनाल की महिला अध्यक्षा सपना कादियान ने बताया कि करनाल के सेक्टर छह स्थित टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करनाल, जीपीएस नलवी कलां, आदि कुल 42 स्कूलों में पराली के दुष्प्रभावों को लेकर विद्यार्थियों को जागरुक किया गया।

स्‍टूडेंट्स ने ली पराली न जलाने की शपथ
राह ग्रुप फाउंडेशन के इस प्रदेश व्यापी जागरूकता अभियान के दौरान विद्यार्थियों ने प्रण लिया कि वे अपने जीवन में कभी भी पराली नहीं जलाएंगे। वे यह समझते हैं कि पराली जलाने के कारण पर्यावरणीय प्रदूषण, बंजर होती ऊपजाऊ जमीन और दूसरी समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। छात्रों ने अपने गांव, अपने शहर और देश-प्रदेश को पराली प्रदूषण के खतरे से हर हाल में बचाने का भी संकल्प लिया। विद्यार्थियों ने शपथ ली कि वे पराली जलाने की जगह दूसरे विकल्पों को बढ़ावा देने का भी प्रयास करेंगे, जिससे कि जमीन को दोबारा से ऊपजाऊ बनाने, पर्यावरणीय प्रदूषण पर रोक लगाने के साथ-साथ जीव सरंक्षण को बढ़ावा मिल सके। विद्यार्थियों ने प्रण लिया कि वे सब मिलकर अपने परिजनों, मित्रों व किसानों को भी पराली न जलाने के लिए जागरुक करेंगे।

पराली जलाने के विकल्‍पों के बारे में जागरूक किया
राह ग्रुप फाउंडेशन के इस प्रदेश व्यापी जागरुकता अभियान का मकसद विद्यार्थियों को पराली के बेहतर विकल्प व प्रबंधन के प्रति जागरूक करना था। राह ग्रुप के चेयरमैन नरेश सेलपाड़ के अनुसार इस अभियान के दौरान विद्यार्थियों को पराली जलाने से पैदा हुए प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में बताने के साथ-साथ पराली समस्या के स्थाई समाधान के विकल्पों पर भी विस्तार से जानकारी दी गई।

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