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रेवाड़ी: दिल्ली हिंसा के बाद किसानों ने मोल ली आम आदमी की नाराजगी! हाइवे खाली कराने पहुंचे ग्रामीण

दिल्ली में हुई हिंसा के बाद रेवाड़ी में हाइवे किनारे बसे गांवों के कुछ ग्रामीण आंदोलनकारी किसानों से हाइवे खाली कराने पहुंच गए। इसको लेकर ग्रामीणों और आंदोलनकारियों के बीच तनाव बढ़ गया। पुलिस ने बीच-बचाव कर दोनों पक्षों को फिलहाल शांत करा दिया है। हालांकि ग्रामीणों ने आंदोलनकारियों को 24 घंटे का अल्टिमेटम दिया है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 27 Jan 2021, 9:34 pm

हाइलाइट्स

  • दिल्ली हिंसा के बाद आम लोगों में भी नाराजगी, रेवाड़ी में ग्रामीणों ने की पंचायत
  • 15 गांवों की पंचायत में लिया गया फैसला, आंदोलनकारियों से खाली कराएंगे हाइवे
  • ग्रामीण मसानी बैराज पर बैठे आंदोलनकारियों के बीच पहुंचे, हाइवे खाली करने को कहा
  • पुलिस को करना पड़ा बीच-बचाव, ग्रामीणों ने हाइवे खाली करने को दिया 24 घंटे का अल्टिमेटम
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रेवाड़ी
26 जनवरी के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन के नाम पर हुए उत्पात के बाद लोगों में खासा नाराजगी है। आंदोलनकारी किसानों के हमले में कुल 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कुछ पुलिसकर्मी ICU में भी हैं। इसको लेकर जहां कई बड़े किसान संगठनों ने आंदोलन से अपने हाथ वापस खींच लिए हैं, तो आम लोगों का भी गुस्सा इन आंदोलनकारियों पर फूट रहा है। बुधवार शाम को हरियाणा के रेवाड़ी में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला।

दिल्ली में हुई हिंसा के बाद हाइवे किनारे बसे गांवों के लोग काफी नाराज हैं। बुधवार को ऐसे 15 गांवों की पंचायत बुलाकर फैसला किया गया कि हाइवे पर कब्जा जमाए बैठे आंदोलनकारियों को हटाया जाएगा। इसके बाद भारी संख्या में ग्रामीण मसानी बैराज पर बैठे आंदोलनकारियों के बीच पहुंच गए और उनसे हाइवे खाली करने को कहा। इसको लेकर ग्रामीणों और आंदोलनकारियों के बीच तनाव बढ़ गया। पुलिस ने बीच-बचाव कर दोनों पक्षों को फिलहाल शांत करा दिया है।

ग्रामीणों ने हाइवे खाली करने के लिए दिए 24 घंटे

हालांकि ग्रामीणों ने आंदोलनकारियों को 24 घंटे का अल्टिमेटम दिया है। उनसे कहा गया है कि अगर 24 घंटे के अंदर हाइवे नहीं खाली हुआ तो आगे की रणनीति जल्द तय की जाएगी।

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'दिल्ली में हुई हिंसा को गंभीरता से ले रहे'

इस बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में गैरकानूनी तरीके से किए गए आंदोलन और उस दौरान हिंसा और लाल किले पर फहराए गए झंडे को बड़ी गंभीरता से ले रहे हैं। हिंसा करने वालों के वीडियो हमारे पास हैं, उनका विश्लेषण हो रहा है।

'किसान नेता हों या कोई और, किसी को नहीं छोड़ेंगे'
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि आरोपियों की पहचान की जा रही है, गिरफ्तारियां की जाएंगी। अब तक 25 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। कोई भी अपराधी जिसकी पहचान होती है, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। जो किसान नेता इसमें शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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