ऐपशहर

'यूनिफॉर्म और दूध देकर झूठी वाहवाही लूट रही कांग्रेस, योजना पूर्व BJP सरकार की देन', देवनानी ने गहलोत पर बोला हमला

राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि बीजेपी शासन में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को निशुल्क यूनिफॉर्म दिए जाने की योजना थी और कक्षा नौ से 12 तक बच्चों की यूनिफॉर्म का रंग बदला था। लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बीजेपी शासनकाल में जो यूनिफॉर्म तय की थी, उसे बदल दिया था।

guest Dinesh-gahlot | Lipi 30 Nov 2022, 4:33 pm

हाइलाइट्स

  • पूर्व शिक्षा मंत्री ने स्कूली बच्चों के दूध देने को लेकर गहलोत सरकार पर बोला हमला
  • स्कूली बच्चों के दूध योजना के नाम झूठी वाहवाही लूट रही कांग्रेस सरकार: देवनानी
  • स्कूली बच्चों को दूध और यूनिफॉर्म देने की योजना पूर्व बीजेपी सरकार की देन: देवनानी
सारी खबरें हाइलाइट्स में पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें
नवभारतटाइम्स.कॉम BJP Ajmer vasudev devnani
पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी
अजमेर: राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री और अजमेर उत्तर के बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर स्कूली बच्चों को दूध और यूनिफॉर्म देने की योजना को लेकर निशाना साधा। पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार पर झूठी वाहवाही लूटने का आरोप लगाया। देवनानी ने कहा कि स्कूली बच्चों को दूध देने की योजना दरअसल बीजेपी सरकार की है, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद इस योजना को बंद कर दिया था। अब चूंकि विधानसभा चुनाव होने में एक साल का समय रह गया है, इसलिए कांग्रेस सरकार केवल बच्चों व उनके अभिभावकों को गुमराह करने के साथ-साथ उनसे छलावा कर रही है।

देवनानी ने कहा कि पूर्ववर्ती बीजेपी शासनकाल में स्कूली बच्चों को सप्ताह में छह दिन दूध दिया जा रहा था। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही इसे बंद कर दिया। पूरे चार साल तक सरकार दूध योजना पर कुंडली मारकर बैठी रही। अब सप्ताह में केवल दो दिन दूध देने की योजना मंगलवार से शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि जब पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार छह दिन बच्चों को दूध दे रही थी, तो कांग्रेस को भी पूरे छह दिन ही दूध दिए जाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी। लेकिन गहलोत सरकार ने अब यह योजना शुरू की है, तो बच्चों के मुंह से चार दिन का दूध छीन लिया है।

शिक्षा व्यवस्था का पूरा ढांचा चरमरा गया: देवनानी
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार अस्थिरता में चल रही है। उसे खुद पता नहीं है कि वह कितने दिन रहेगी। फिर भी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को पूरी तरह मजाक बनाकर रख दिया है। शिक्षा व्यवस्था का पूरा ढांचा चरमरा गया है। विद्यार्थियों और अभिभावकों पर बेवजह आर्थिक भार डाला जा रहा है। यूनिफॉर्म सिलाई का अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जिसे कोई भी सहन करने की स्थिति में नहीं है। सिलाई का सारा खर्च सरकार को खुद वहन करना चाहिए। देवनानी ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य के प्रति इतनी ही चिंतित थी, तो उसे सत्ता संभालते ही दूध योजना शुरू कर देनी चाहिए थी। लेकिन अब उसे चुनाव देखकर बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है।

यूनिफॉर्म योजना भी पूर्ववर्ती बीजेपी शासनकाल की थी सोच: देवनानी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार केवल दिखावा और ढोंग कर रही है। पिछले चार साल से डिब्बों में बंद पड़ा हुआ दूध पाउडर खराब हो गया है। डिब्बों को चूहे कुतर गए हैं। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इन डिब्बों की सुध नहीं ली। देवनानी ने कहा कि यूनिफॉर्म योजना भी पूर्ववर्ती बीजेपी शासनकाल की सोच थी। लेकिन चुनाव का ऐलान होने के कारण इस पर अमल नहीं हो पाया था। बीजेपी शासन में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को निशुल्क यूनिफॉर्म दिए जाने की योजना थी और कक्षा नौ से 12 तक बच्चों की यूनिफॉर्म का रंग बदला था। लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बीजेपी शासनकाल में जो यूनिफॉर्म तय की थी, उसे बदल दिया था।

देवनानी ने कहा कि अब चार साल बाद कांग्रेस यूनिफॉर्म का रंग बदला जा रहा है, जिसकी कोई तुक नजर नहीं आती है। बीजेपी शासनकाल में बीस साल बाद यूनिफॉर्म बदली गई थी, किंतु कांग्रेस चार साल में ही यूनिफॉर्म बदल रही है। इसमें भी बच्चों को दो यूनिफॉर्म की सिलाई के लिए केवल 200 रुपए दिए जा रहे हैं। देवनानी ने सवाल किया, कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बताएं कि दो यूनिफॉर्म की सिलाई मात्र 200 रुपए में कैसे हो सकती है। जबकि बाजार में एक यूनिफॉर्म की सिलाई कई गुणा अधिक होती है।
लेखक के बारे में
सुधेंद्र प्रताप सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर। पत्रकारिता में लोकल न्यूज पेपर अग्रभारत से सफर की शुरुआत की। यहां से कारवां बढ़ता हुआ कल्पतरू एक्सप्रेस, हिंदुस्तान न्यूज पेपर, न्यूज18 होते हुए एनबीटी.कॉम में पहुंचा। लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश। राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों में रुचि।... और पढ़ें

अगला लेख

ट्रेंडिंग