भरतपुर। राजस्थान में एक बार फिर आरक्षण की मांग पर गुर्जर आंदोलन की आहट सुनाई देने लगी है। भरतपुर केपीलूपुरा गांव के पास स्थित शहीद स्थल पर सोमवार को गुर्जर नेता हिम्मत सिंह पाडली ग्रुप ने एक बैठक की आयोजन किया । इस बैठक में करीब 250 लोग इकट्ठा हुए। लेकिन कर्नल किरोड़ी बैसंला ग्रुप के लोगों ने हिम्मत पाडली ग्रुप का विरोध किया। जिसके बाद बैठक को बीच में ही रोकना पड़ा। इसके अलावा हिम्मत सिंह ने कहा कि यदि सरकार 10 जुलाई तक उनकी मांग पूरी नहीं करती है तो सरकार आंदोलन के लिए तैयार रहे।
हिम्मत सिंह ने बताया कि 30 अक्टूबर 2020 को सरकार की मंत्रिमंडलीय उप समिति के साथ गुजर प्रतिनिधि मंडल की वार्ता हुई थी। जिसमें रीट भर्ती MBC वर्ग के 372 पद और नर्सिंग भर्ती के 350 पदों का 7 दिन में कमेटी बनाकर निस्तारण करने की बात तय हुई थी। लेकिन सरकार ने अभी तक इस मामले में कुछ नहीं किया। इसके अलावा वार्ता में हर महीने मंत्रिमंडलीय उपसमिति के साथ बैठक कर समझौता पत्र के बिंदुओं की प्रगति की समीक्षा करना तय हुआ था। लेकिन आज तक कोई भी समीक्षा बैठक नहीं हुई। साथ ही सरकार की ओर से देवनारायण योजना में अभी तक कोई काम नहीं किया गया।
गुर्जर नेता दो फाड़, बैंसला गुट ने किया विरोध
हिम्मत सिंह के अनुसार इन सभी मुद्दों को लेकर समाज में रोष व्याप्त है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि सरकार समझौतों पर कोई ध्यान नहीं देगी तो 10 जुलाई को आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा। वहीं दूसरी तरफ बैसला ग्रुप के नरोत्तम सिंह अड्डा से बात की तो उन्होंने कहा कि, 'आज की बैठक का विरोध इसलिए किया गया है की पाडली ग्रुप ने पीलूपुरा गांव को ही मीटिंग का अड्डा बना रखा है। कोरोना काल में गाइडलाइन के मुताबिक एक जगह लोगों के इकठ्ठे होने की अनुमति नहीं है। उसके बाद भी आज की बैठक में करीब 250 लोगों को इकठ्ठा किया गया और अगर पाडली ग्रुप को कोई आंदोलन करना है तो वह जयपुर या कहीं और जाकर आंदोलन करें'।
स्वार्थ के लिये बैठक बुलाई गईनरोत्तम सिंह के अनुसार ग्रामीणों को इस बैठक की कोई सूचना नहीं थी। विगत दिन हिम्मत सिंह पाडली ने अपने ट्वीटर पर ट्वीट कर आज की मीटिंग की सूचना दी और समाज के लोगों को इकठ्ठा होने को कहा। हिम्मत सिंह पाडली अपने निजी स्वार्थ के लिए इस तरह की बैठक करते हैं। इससे समाज के लोग गुमराह होते हैं।
हिम्मत सिंह ने बताया कि 30 अक्टूबर 2020 को सरकार की मंत्रिमंडलीय उप समिति के साथ गुजर प्रतिनिधि मंडल की वार्ता हुई थी। जिसमें रीट भर्ती MBC वर्ग के 372 पद और नर्सिंग भर्ती के 350 पदों का 7 दिन में कमेटी बनाकर निस्तारण करने की बात तय हुई थी। लेकिन सरकार ने अभी तक इस मामले में कुछ नहीं किया। इसके अलावा वार्ता में हर महीने मंत्रिमंडलीय उपसमिति के साथ बैठक कर समझौता पत्र के बिंदुओं की प्रगति की समीक्षा करना तय हुआ था। लेकिन आज तक कोई भी समीक्षा बैठक नहीं हुई। साथ ही सरकार की ओर से देवनारायण योजना में अभी तक कोई काम नहीं किया गया।
गुर्जर नेता दो फाड़, बैंसला गुट ने किया विरोध
हिम्मत सिंह के अनुसार इन सभी मुद्दों को लेकर समाज में रोष व्याप्त है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि सरकार समझौतों पर कोई ध्यान नहीं देगी तो 10 जुलाई को आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा। वहीं दूसरी तरफ बैसला ग्रुप के नरोत्तम सिंह अड्डा से बात की तो उन्होंने कहा कि, 'आज की बैठक का विरोध इसलिए किया गया है की पाडली ग्रुप ने पीलूपुरा गांव को ही मीटिंग का अड्डा बना रखा है। कोरोना काल में गाइडलाइन के मुताबिक एक जगह लोगों के इकठ्ठे होने की अनुमति नहीं है। उसके बाद भी आज की बैठक में करीब 250 लोगों को इकठ्ठा किया गया और अगर पाडली ग्रुप को कोई आंदोलन करना है तो वह जयपुर या कहीं और जाकर आंदोलन करें'।
स्वार्थ के लिये बैठक बुलाई गईनरोत्तम सिंह के अनुसार ग्रामीणों को इस बैठक की कोई सूचना नहीं थी। विगत दिन हिम्मत सिंह पाडली ने अपने ट्वीटर पर ट्वीट कर आज की मीटिंग की सूचना दी और समाज के लोगों को इकठ्ठा होने को कहा। हिम्मत सिंह पाडली अपने निजी स्वार्थ के लिए इस तरह की बैठक करते हैं। इससे समाज के लोग गुमराह होते हैं।