जयपुर: प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में भले ही सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के मंत्री-विधायकों ने एकजुटता का संदेश दिया हो, लेकिन अंदरखाने में अभी भी तकरार बाकी है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की तीन सीटों पर जीत के बाद हुई पहली कैबिनेट मीटिंग में फिर से मंत्रियों की नाराजगी खुलकर सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिन हुई कैबिनेट मीटिंग में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और पीडब्ल्यूडी मंत्री भजन लाल जाटव ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को अपने निशाने पर ले लिया।
इस दौरान तीनों मंत्रियों के बीच जमकर बहस -कहासुनी हुई। मामला इतना बढ़ गया कि मंत्रियों को शांत करने के लिए सीएम गहलोत को इनवॉल्व होना पड़ गया। सीएम गहलोत ने तीन मंत्रियों से अपनी बात शांत तरीके से रखने के लिए कहा। मिली जानकारी के अनुसार सीएम के दखल दिए जाने के बाद तीन मंत्रियों ने दूसरे मुद्दों पर मीटिंग को आगे बढ़ने दिया। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव में व्यस्त रही गहलोत सरकार ने चुनाव संपन्न होने के बाद शनिवार को यह मीटिंग बुलाई थी, जिसमें विभिन्न विभागों के प्रस्तावों पर चर्चा होनी थी।
किस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री पर बिफर गए जाटव और धारीवाल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मीटिंग में मंत्री शांति धारीवाल ने शिक्षा विभाग में आरएसएस से जुड़े कर्मचारियों-अधिकारियों को हटाने की मांग शिक्षामंत्री बीडी कल्ला से कर दी। इसी बात को लेकर दोनों मंत्री उलझ गए। इधर मंत्री भजन लाल जाटव ने उनके क्षेत्र में उनकी बिना जानकारी के इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जा रहे हैं और मुझे उसकी जानकारी नहीं है। मैं क्षेत्र का विधायक हूं, मुझे यह पता होना चाहिए कि कहां पर स्कूल खोले जा रहे हैं, कहां पर ज्यादा आवश्यकता है। मेरे क्षेत्र में कितने स्कूलों की कहां आवश्यकता है, मुझ से ज्यादा बेहतर कौन बता सकता है।
पहले भी उलझ चुके हैं गहलोत के मंत्री उल्लेखनीय है कि यह पहला मौका नहीं है, जब गहलोत कैबिनेट में दो नेताओं के बीच ऐसी तकरार हुई हो। इससे पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बीच भी तीखी बहस हो चुकी है। वहीं कोरोना काल में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना न्यू ईयर सेलिब्रेशन के मुद्दे पर आमने - सामने हो चुके हैं। इस दौरान भी सीएम गहलोत को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
इस दौरान तीनों मंत्रियों के बीच जमकर बहस -कहासुनी हुई। मामला इतना बढ़ गया कि मंत्रियों को शांत करने के लिए सीएम गहलोत को इनवॉल्व होना पड़ गया। सीएम गहलोत ने तीन मंत्रियों से अपनी बात शांत तरीके से रखने के लिए कहा। मिली जानकारी के अनुसार सीएम के दखल दिए जाने के बाद तीन मंत्रियों ने दूसरे मुद्दों पर मीटिंग को आगे बढ़ने दिया। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव में व्यस्त रही गहलोत सरकार ने चुनाव संपन्न होने के बाद शनिवार को यह मीटिंग बुलाई थी, जिसमें विभिन्न विभागों के प्रस्तावों पर चर्चा होनी थी।
किस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री पर बिफर गए जाटव और धारीवाल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मीटिंग में मंत्री शांति धारीवाल ने शिक्षा विभाग में आरएसएस से जुड़े कर्मचारियों-अधिकारियों को हटाने की मांग शिक्षामंत्री बीडी कल्ला से कर दी। इसी बात को लेकर दोनों मंत्री उलझ गए। इधर मंत्री भजन लाल जाटव ने उनके क्षेत्र में उनकी बिना जानकारी के इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जा रहे हैं और मुझे उसकी जानकारी नहीं है। मैं क्षेत्र का विधायक हूं, मुझे यह पता होना चाहिए कि कहां पर स्कूल खोले जा रहे हैं, कहां पर ज्यादा आवश्यकता है। मेरे क्षेत्र में कितने स्कूलों की कहां आवश्यकता है, मुझ से ज्यादा बेहतर कौन बता सकता है।
पहले भी उलझ चुके हैं गहलोत के मंत्री उल्लेखनीय है कि यह पहला मौका नहीं है, जब गहलोत कैबिनेट में दो नेताओं के बीच ऐसी तकरार हुई हो। इससे पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बीच भी तीखी बहस हो चुकी है। वहीं कोरोना काल में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना न्यू ईयर सेलिब्रेशन के मुद्दे पर आमने - सामने हो चुके हैं। इस दौरान भी सीएम गहलोत को हस्तक्षेप करना पड़ा था।