ऐपशहर

सचिन पायलट को नजरअंदाज करना कांग्रेस को पड़ा भारी? गुर्जर बाहुल्य इलाके में 10 सीटों का नुकसान

Rajasthan Latest Hindi News: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार को रिपीट करने के लिए अशोक गहलोत ने कई योजनाओं से जनता को लुभाने का प्रयास किया। लेकिन, इसके बाद भी कांग्रेस को करारी हार मिली है। वहीं अब कांग्रेस के बीच हार के कारणों को लेकर बहस छिड़ी हुई है।

Edited byसुधेंद्र प्रताप सिंह | Reported by मनीष कुमार बागरी | नवभारतटाइम्स.कॉम 6 Dec 2023, 4:53 pm
जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद सियासी गलियारों में हार के कारणों को लेकर बहस चल रहा है। चर्चा है कि कांग्रेस की हार के पीछे का बड़ा कारण सचिन पायलट की उपेक्षा है। पायलट की वजह से गुर्जर समाज में कांग्रेस के लिए नाराजगी रही। इसके चलते गुर्जर समाज ने कांग्रेस की अपेक्षा बीजेपी के पक्ष में वोट किया, जो कांग्रेस की हार का प्रमुख कारण रहा है। इसका परिणाम चुनावी नतीजों में देखने को मिला है।
नवभारतटाइम्स.कॉम congress lost 10 seats in gurjar dominated areas in rajasthan elections due to ignoring sachin pilot
सचिन पायलट को नजरअंदाज करना कांग्रेस को पड़ा भारी? गुर्जर बाहुल्य इलाके में 10 सीटों का नुकसान


गुर्जर बाहुल्य इलाकों में कांग्रेस को 10 सीटें कम मिली

राजस्थान के अलवर, भरतपुर, बूंदी, दौसा, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और टोंक समेत जिलों की सीटों को गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। पिछली बार कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में यहां से 29 सीटें जीती थी। लेकिन इस बार पायलट की उपेक्षा कांग्रेस को भारी पड़ी है। इसके कारण कांग्रेस को गुर्जर समाज की नाराजगी को झेलना पड़ा। इस विधानसभा चुनाव के नतीजे के आंकड़ों पर नजर डाले तो, इन क्षेत्रों में कांग्रेस की 10 सीटें घटी है। यानी इस बार कांग्रेस को इन क्षेत्रों में 19 सीटें ही हासिल हो पाई। जबकि बीजेपी को गुर्जर समाज का साथ मिलने के बाद 14 सीटों का फायदा हुआ है।

कांग्रेस की हार के पीछे पायलट की उपेक्षा

चुनाव नतीजे के बाद यह साफ हो गया है कि गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र में कांग्रेस की सीटें कम हुई है। पिछली बार कांग्रेस के पास 29 सीटें थी। वर्ष 2018 में पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के बाद से गुर्जर समाज कांग्रेस से नाराज चल रहा था। इसको लेकर चर्चा है कि पायलट की उपेक्षा ही कांग्रेस को भारी पड़ी है। गुर्जर समाज ने इस चुनाव में एक जुट होकर कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी को वोट दिया है।

पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाएं जाने से गुर्जर समाज में रोष

इस चुनाव में गुर्जर समाज में कांग्रेस के प्रति काफी रोष था। गुर्जर समाज का कहना है कि पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस के लिए काफी मेहनत की। लेकिन, वर्ष 2018 में चुनाव परिणाम के बाद उन्हें CM नहीं बनाया गया। उधर, गुर्जर समाज के लोगों ने चुनाव से पहले अलग-अलग बैठकें कीं और कांग्रेस की अपेक्षा बीजेपी को वोट देने का फैसला किया। गुर्जर समाज का कहना है कि सचिन पायलट के खिलाफ जिस तरह के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया, उसे गुर्जर समाज कैसे सहन कर सकता है?

लेखक के बारे में
सुधेंद्र प्रताप सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर। पत्रकारिता में लोकल न्यूज पेपर अग्रभारत से सफर की शुरुआत की। यहां से कारवां बढ़ता हुआ कल्पतरू एक्सप्रेस, हिंदुस्तान न्यूज पेपर, न्यूज18 होते हुए एनबीटी.कॉम में पहुंचा। लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश। राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों में रुचि।... और पढ़ें

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग