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Rajasthan Corona Update: कोरोना मरीजों के लिए बड़ी खबर, अस्पताल में मिल सकेंगे परिजन, घर का खाना भी

राजस्थान के कोरोना वायरस (rajasthan corona virus patients) के संक्रमित 17 हजार 717 मरीजों और उनके परिजनों के लिए अशोक गहलोत सरकार (ashok gehlot government) ने बड़ी राहत प्रदान की है। अब प्रदेश के सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों से उनके परिजन मिल सकेंगे। यही नहीं प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें घर का खाना भी खिला सकेंगे।

नवभारतटाइम्स.कॉम 18 Sep 2020, 9:55 pm
जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण से जुझ रहे 17 हजार से अधिक मरीजों के लिए शुक्रवार को अशाेक गहलोत सरकार की ओर बड़ी राहत की घोषणा की गई है। कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के परिजनों को सरकार ने अब अस्पताल में मिलने की छूट दी है और साथ ही घर का खाना खिलाने की अनुमति भी। हालांकि, इन सबके लिए मरीज के परिवार के सदस्यों को पीपीई किट और अन्य सुरक्षित साधनों के साथ ही अस्पताल पहुंचना होगा। पीपीई किट पहन कर ही परिवार के सदस्य मरीजों से मिल सकेंगे और उन्हें घर का बना खाना भी दे सकेंगे।
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चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा की ओर से जारी आदेश के अनुसार कोरोना से संक्रमित मरीजों के एकाकीपन और उसके कारण उत्पन्न तनाव को ध्यान में रख्ते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है। चिकित्सा विभाग के आदेश निर्देशों के अनुसार अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 से संक्रमित मरीज से उनके परिजनों/रिश्तेदारों को समस्त सुरक्षात्मक उपायों ( पीपीई किट, मास्क, दस्ताने, नियत दूरी आदि) के साथ मिल सकेंगे। ऐसा अस्पताल की ओर से तय समय अवधि में किया जा सकेगा। विभाग की ओर से यह भी साफ किया गया है कि मरीज के परिजन या रिश्तेदार यदि मरीज को घर का खाना देना चाहते हैं तो वो भी निर्धारित प्रॉटोकॉल के अनुसार दिया जा सकता है।
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अस्पताल के हेल्प डेस्क पर उपलब्ध होगी ऑक्सीजन सरकार की ओर से कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में अब हेल्प डेस्क पर मरीजों की आपात स्थिति को ध्यान रखते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर, व्हील चेयर और स्ट्रेचर उपलब्ध रखने के आदेश दिये गये हैं। बैड क्षमता को देखते हुए, उपचार हेतु आने वाले मरीजों की सुविधा और आपात स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए पर्याप्त संख्या में इन साधन-सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। ऐसा इसलिये किया जा रहा है ताकि मरीज को आपातकालीन स्थिति में तत्काल राहत देते हुए मरीज की स्थिति को स्थिर किया जा सके।

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