अलवर
23 साल का पटवारी रात को एक अलग ही जिंदगी बिताता था। राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर अपने साथियों के साथ कई डकैतियां करने वाला पटवारी सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि उसके गैंग के तीन और फरार साथियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया गया है।
राज्य में अभी तक पटवारी घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किये जाते रहे हैं लेकिन अलवर की मंधान पुलिस को उस समय झटका लगा जब हाइवे पर लूट में गिरफ्तार युवक पटवारी निकला। आरोपी राहुल यादव झुनझुनू जिले के पाचेरी इलाके का रहने वाला है। वह पिछले दो महीने से मंधान में पटवारी के पद पर तैनात है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राहुल को 2014 की जनवरी में पटवारी की नौकरी मिली थी। मंधान थाने के एसएचओ रविंद्र कविता ने कहा, 'उसकी पोस्टिंग अधिकतर बहरोड़ और उसके आस-पास के इलाकों में ही होती थी। हरियाणा बॉर्डर वाले इलाकों में उसकी पोस्टिंग होने के कारण वह हरियाणा के अपराधियों के संपर्क में आ गया और छह महीने पहले एक गिरोह बना लिया।'
पुलिस ने बताया कि राहुल दिन में पटवारी का काम करता था और रात को हाइवे पर लूट करता था। इस गैंग ने एक गाड़ी भी खरीद ली थी। वे रात में बंदूक की नोक पर हाइवे के मुसाफिरों से लूट-पाट करते थे। अधिकारी ने बताया, 'हमें सूचना मिली कि अदनींद मोड़ के पास लूट कुछ लोग लूट-पाट कर रहे हैं। तुरंत मौके पर एक पुलिस टीम भेजी गयी। हमने दो युवकों को पकड़ लिया लेकिन उनके तीन साथी भागने में सफल रहे।' अधिकारी ने बताया कि हमें यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि इनमें से एक पटवारी है। उन्होंने बताया कि राहुल जल्द से जल्द अमीर आदमी बनना चाहता था इसलिए उसने लूट-पाट करने का शॉर्टकट अपनाया।
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें- Patwari by day, Alwar man is robber at night
23 साल का पटवारी रात को एक अलग ही जिंदगी बिताता था। राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर अपने साथियों के साथ कई डकैतियां करने वाला पटवारी सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि उसके गैंग के तीन और फरार साथियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया गया है।
राज्य में अभी तक पटवारी घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किये जाते रहे हैं लेकिन अलवर की मंधान पुलिस को उस समय झटका लगा जब हाइवे पर लूट में गिरफ्तार युवक पटवारी निकला। आरोपी राहुल यादव झुनझुनू जिले के पाचेरी इलाके का रहने वाला है। वह पिछले दो महीने से मंधान में पटवारी के पद पर तैनात है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राहुल को 2014 की जनवरी में पटवारी की नौकरी मिली थी। मंधान थाने के एसएचओ रविंद्र कविता ने कहा, 'उसकी पोस्टिंग अधिकतर बहरोड़ और उसके आस-पास के इलाकों में ही होती थी। हरियाणा बॉर्डर वाले इलाकों में उसकी पोस्टिंग होने के कारण वह हरियाणा के अपराधियों के संपर्क में आ गया और छह महीने पहले एक गिरोह बना लिया।'
पुलिस ने बताया कि राहुल दिन में पटवारी का काम करता था और रात को हाइवे पर लूट करता था। इस गैंग ने एक गाड़ी भी खरीद ली थी। वे रात में बंदूक की नोक पर हाइवे के मुसाफिरों से लूट-पाट करते थे। अधिकारी ने बताया, 'हमें सूचना मिली कि अदनींद मोड़ के पास लूट कुछ लोग लूट-पाट कर रहे हैं। तुरंत मौके पर एक पुलिस टीम भेजी गयी। हमने दो युवकों को पकड़ लिया लेकिन उनके तीन साथी भागने में सफल रहे।' अधिकारी ने बताया कि हमें यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि इनमें से एक पटवारी है। उन्होंने बताया कि राहुल जल्द से जल्द अमीर आदमी बनना चाहता था इसलिए उसने लूट-पाट करने का शॉर्टकट अपनाया।
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