जयपुर
राजस्थान में मचे सियासी बवंडर के बीच एक बार फिर फोन टैपिंग विवाद ने आग में घी का काम कर दिया है। अशोक गहलोत सरकार एक बार फिर फोन टैपिंग के आरोपों से घिर गई है। खुद कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने विधायकों के फोन टैप होने का दावा किया है। वहीं पायलट समर्थक विधायक सोलंकी की ओर से फोन टैंपिग की बात कही जाने के बाद बीजेपी को भी सरकार के खिलाफ मुखर होने का मौका मिल गया है। इस पूरे मामले में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने प्रदेश में मध्यावधि चुनाव होने तक की बात कह डाली है। मीडिया से बातचीत में पूनियां ने कहा कि फोन टेपिंग को लेकर कांग्रेस विधायक का बयान खुद स्थितियां बता रहा है। उन्होंने कहा कि इस बयान के सामने आने के बाद एक बार फिर पिछले साल जैसी स्थितियां उत्पन्न होती दिखाई दे रही है, जब सरकार को खुद उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट को बर्खास्त करना पड़ा था और सरकार बाड़ेबंदी में चली गई थी।
मुख्यमंत्री दे जवाब
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मीडिया के सामने सीएम गहलोत से सवाल किए हैं। उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार फोन टेपिंग और जासूसी कर रही है , तो मेरा प्रश्न मुख्यमंत्री से है कि वो विधायक कौन हैं, जिनके फोन टेप किये जा रहे हैं। इस बात को उजागर करें। किसी भी लोकतांत्रिक प्रदेश में इस तरह की कवायद होती है तो उसके सीधे-सीधे दोषी मुख्यमंत्री और गृह मंत्री होते हैं, उनको आज नहीं तो कल जनता की अदालत में जवाब देना पड़ेगा।
हो सकते है प्रदेश में मध्यावधि चुनाव
मध्यावधि चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में डॉ. पूनिया ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार की अंर्तकलह सभी के सामने है। खुद पार्टी के विधायक भी लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार की बुनियाद कमजोर है। गहलोत सरकार लगातार डेमेज कंट्रोल में लगी हुई है, जिससे जनता के काम नहीं हो रहे हैं। विकास कार्य ठप पड़े हैं। सरकार सिर्फ अपने आप को बचाने में व्यस्त है। पार्टी के अंर्तकलह साफ तौर पर मध्यावधि चुनाव की ओर इशारा कर रहे हैं।
अरुण सिंह बोले- राजस्थान गुजर रहा है बुरे दौर से सतीश पूनियां के अलावा बीजेपी राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह ने भी फोन टैपिंग विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है। सीएम गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में जासूसी की साजिश रची जा रही है। खुद सरकार विधानसभा में स्वीकार कर चुकी है कि वास्तव में फोन टैपिंग हुई थी।
राजस्थान में मचे सियासी बवंडर के बीच एक बार फिर फोन टैपिंग विवाद ने आग में घी का काम कर दिया है। अशोक गहलोत सरकार एक बार फिर फोन टैपिंग के आरोपों से घिर गई है। खुद कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने विधायकों के फोन टैप होने का दावा किया है। वहीं पायलट समर्थक विधायक सोलंकी की ओर से फोन टैंपिग की बात कही जाने के बाद बीजेपी को भी सरकार के खिलाफ मुखर होने का मौका मिल गया है। इस पूरे मामले में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने प्रदेश में मध्यावधि चुनाव होने तक की बात कह डाली है। मीडिया से बातचीत में पूनियां ने कहा कि फोन टेपिंग को लेकर कांग्रेस विधायक का बयान खुद स्थितियां बता रहा है। उन्होंने कहा कि इस बयान के सामने आने के बाद एक बार फिर पिछले साल जैसी स्थितियां उत्पन्न होती दिखाई दे रही है, जब सरकार को खुद उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट को बर्खास्त करना पड़ा था और सरकार बाड़ेबंदी में चली गई थी।
मुख्यमंत्री दे जवाब
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मीडिया के सामने सीएम गहलोत से सवाल किए हैं। उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार फोन टेपिंग और जासूसी कर रही है , तो मेरा प्रश्न मुख्यमंत्री से है कि वो विधायक कौन हैं, जिनके फोन टेप किये जा रहे हैं। इस बात को उजागर करें। किसी भी लोकतांत्रिक प्रदेश में इस तरह की कवायद होती है तो उसके सीधे-सीधे दोषी मुख्यमंत्री और गृह मंत्री होते हैं, उनको आज नहीं तो कल जनता की अदालत में जवाब देना पड़ेगा।
हो सकते है प्रदेश में मध्यावधि चुनाव
मध्यावधि चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में डॉ. पूनिया ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार की अंर्तकलह सभी के सामने है। खुद पार्टी के विधायक भी लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार की बुनियाद कमजोर है। गहलोत सरकार लगातार डेमेज कंट्रोल में लगी हुई है, जिससे जनता के काम नहीं हो रहे हैं। विकास कार्य ठप पड़े हैं। सरकार सिर्फ अपने आप को बचाने में व्यस्त है। पार्टी के अंर्तकलह साफ तौर पर मध्यावधि चुनाव की ओर इशारा कर रहे हैं।
अरुण सिंह बोले- राजस्थान गुजर रहा है बुरे दौर से सतीश पूनियां के अलावा बीजेपी राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह ने भी फोन टैपिंग विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है। सीएम गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में जासूसी की साजिश रची जा रही है। खुद सरकार विधानसभा में स्वीकार कर चुकी है कि वास्तव में फोन टैपिंग हुई थी।