Rajasthan Congress Sukhjinder Singh Randhawa On Sachin Pilot Allegations Ashok Gehlot
Rajasthan Politics: बीती बातों को छोड़कर फ्यूचर की सोचें... सचिन पायलट के आरोपों पर रंधावा ने काटी कन्नी
विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद रंधावा से साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘अगर सभी कहेंगे तो (मंत्रिमंडल में फेरबदल) करेंगे, लेकिन मेरे ख्याल में अभी हमारा ऐसा कोई विचार नहीं है।’
जयपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बात को शनिवार को एक तरह से दरकिनार कर दिया। पायलट ने कहा था कि सितंबर में गहलोत खेमे के विधायकों की समानांतर बैठक, पार्टी आलाकमान के खिलाफ बगावत थी। उसमें कार्रवाई होनी चाहिए। रंधावा ने कहा कि 'हम नेताओं को अतीत से सबक लेकर भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।' पायलट के आरोप के बारे में पूछे जाने पर पार्टी के राजस्थान प्रभारी रंधावा ने जुलाई 2020 में पायलट खेमे की ओर से बगावत का उल्लेख किया। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि 'कुछ लोग कहते हैं कि कोरोना से पहले बगावत हुई थी। मैं इन बातों को या अतीत को ज्यादा लेकर नहीं चलना चाहता। मैं भविष्य की बात कर रहा हूं।'
हम नेताओं को भविष्य के बारे में सोचना चाहिए: रंधावा
रंधावा ने कहा, ‘हम नेताओं को भविष्य के बारे में सोचना चाहिए और साथ ही साथ अतीत से सबक भी लेना चाहिए ताकि दुबारा ऐसी गलती न हो।' इसके साथ ही रंधावा ने कहा कि राज्य में पार्टी एकजुट है। जुलाई 2020 में, पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों ने गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिसके कारण राज्य में एक महीने तक राजनीतिक संकट बना रहा। यह संकट पार्टी आलाकमान की हस्तक्षेप के बाद समाप्त हुआ और पायलट को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर किया जाएगा। वहीं मंत्रिमंडल विस्तार पर रंधावा ने कहा कि मेरे ख्याल में अभी हमारा ऐसा कोई विचार नहीं है।
मंदिर में पूजा के बाद पायलट ने किया था 25 सितंबर की घटना का जिक्र
पायलट ने इसी साल 23 अप्रैल को झारखंड महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मीडिया से बात करते हुए 25 सितंबर की घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'यह सही है कि 25 सितंबर को हुई घटना तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेशों का खुला उल्लंघन था। (पार्टी अध्यक्ष) मल्लिकार्जुन खरगे और अजय माकन का खुलेआम अपमान किया गया था। उन (विधायकों) के खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? यह प्रश्न है जिसका उत्तर पार्टी ही दे सकती है।'
11 अप्रैल को गहलोत सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे थे पायलट
बता दें, पायलट, पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित भ्रष्टाचार के मामलों में मौजूदा गहलोत सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर 11 अप्रैल को जयपुर में एक दिन के अनशन पर बैठे थे। उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया।
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