Rajasthan Politics: गहलोत समर्थक तीन नेताओं के जवाब देने की मियाद पूरी, महेश जोशी बोले- मुझे तो आज मिला नोटिस
Rajasthan Political Crisis: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी तीन नेताओं शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को 10 दिन पहले कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था। 6 अगस्त को दिए गए टाइम की मियाद पूरी हो गई। इधर महेश जोशी का कहना है कि उन्हें आज नोटिस मिला है।
जयपुर: कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने वाले प्रदेश कांग्रेस के तीन नेताओं को कांग्रेस की अनुशासन समिति ने 27 सितंबर को नोटिस जारी किए थे। कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को 10 दिन में जवाब देना था। गुरुवार 6 अगस्त को 10 दिन की मियाद पूरी हो गई। धारीवाल और धर्मेन्द्र राठौड़ का कहना है कि उन्होंने नोटिस का जवाब दे दिया है, जबकि महेश जोशी ने कहा कि उन्हें तो आज (6 अक्टूबर) नोटिस मिला है। तय समय सीमा में जबाव दे दिया जाएगा। उधर कांग्रेस के नोटिस जारी करने वाले कांग्रेस के महासचिव तारिक अनवर का कहना है कि फिलहाल उन्हें किसी भी नेता का पत्र नहीं मिला है।
अपनी गलती स्वीकारने को तैयार नहीं धारीवाल, जोशी और राठौड़
राजस्थान कांग्रेस में रविवार 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने और पैरेलल बैठक लेने के बाद कांग्रेस में बवंडर आ गया। जयपुर से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस में घमासान मच गया। अपनी ही पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगाने लगे। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार और आलाकमान के फैसले के विरोध में जाकर इस्तीफे देने की घटना को आलाकमान ने गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना। शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ को नोटिस जारी किए। इसके बावजूद भी ये तीनों नेता अपनी गलती स्वीकारने के तैयार नहीं है। इनका कहना है कि इन्होंने कोई गलती नहीं की है। उधर कांग्रेस में बवाल होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोनिया गांधी से माफी मांग चुके हैं। गहलोत ने सार्वजनिक रूप से गलती स्वीकार करते हुए कहा कि जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था।
महेश जोशी सुबह बोले कि उन्हें नोटिस ही नहीं मिला, शाम को ईमेल से मिला नोटिस
मंत्री महेश जोशी ने गुरुवार 6 अक्टूबर की दोपहर को मीडियाकर्मियों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें तो कोई नोटिस मिला ही नहीं। जब कोई नोटिस ईमेल या वाया डाक आया ही नहीं तो किसका जवाब दें। इसके कुछ देर बाद महेश जोशी की ईमेल आईडी पर कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर का एक ईमेल आया। इस ईमेल 25 सितंबर की घटना को लेकर नोटिस भेजा गया है। ऐसे में महेश जोशी को नोटिस का जवाब देने के लिए 10 दिन का समय और मिल गया है। तीनों नेताओं के जवाब मिलने के बाद आलाकमान आगे के एक्शन के बारे में विचार करेगा। (रिपोर्ट - रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
अपनी गलती स्वीकारने को तैयार नहीं धारीवाल, जोशी और राठौड़
राजस्थान कांग्रेस में रविवार 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने और पैरेलल बैठक लेने के बाद कांग्रेस में बवंडर आ गया। जयपुर से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस में घमासान मच गया। अपनी ही पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगाने लगे। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार और आलाकमान के फैसले के विरोध में जाकर इस्तीफे देने की घटना को आलाकमान ने गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना। शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ को नोटिस जारी किए। इसके बावजूद भी ये तीनों नेता अपनी गलती स्वीकारने के तैयार नहीं है। इनका कहना है कि इन्होंने कोई गलती नहीं की है। उधर कांग्रेस में बवाल होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोनिया गांधी से माफी मांग चुके हैं। गहलोत ने सार्वजनिक रूप से गलती स्वीकार करते हुए कहा कि जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था।
महेश जोशी सुबह बोले कि उन्हें नोटिस ही नहीं मिला, शाम को ईमेल से मिला नोटिस
मंत्री महेश जोशी ने गुरुवार 6 अक्टूबर की दोपहर को मीडियाकर्मियों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें तो कोई नोटिस मिला ही नहीं। जब कोई नोटिस ईमेल या वाया डाक आया ही नहीं तो किसका जवाब दें। इसके कुछ देर बाद महेश जोशी की ईमेल आईडी पर कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर का एक ईमेल आया। इस ईमेल 25 सितंबर की घटना को लेकर नोटिस भेजा गया है। ऐसे में महेश जोशी को नोटिस का जवाब देने के लिए 10 दिन का समय और मिल गया है। तीनों नेताओं के जवाब मिलने के बाद आलाकमान आगे के एक्शन के बारे में विचार करेगा। (रिपोर्ट - रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)